Kharmas 2022 December: खरमास की शुरुआत इस वर्ष 16 दिसंबर यानी बुधवार के दिन से शुरू हो रहा है. जानकारी के लिए बता दें सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास प्रारंभ माना जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश या किसी भी तरह का कोई संस्कार नहीं किए जाने का विधान बताया गया है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव 16 दिसंबर 2022 से 14 जनवरी 2023 तक धनु राशि में गोचरस्थ रहते रहेंगे. 15 जनवरी 2023 से राशि परिवर्तन कर मकर राशि में जाएंगे अर्थात मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को नए भाव में बनेगी. साल. खरमास 16 दिसंबर 2022 से शुरू होकर 14 जनवरी 2023 तक रहेगा. संक्रांति तब होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं.
16 दिसंबर से शुरू हो रहे खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. मान्यता के अनुसार इस महीने में विवाह आदि शुभ कार्य करना भी अच्छा नहीं माना जाता है. इस पूरे माह में ग्रहों के राजा सूर्य देव की विशेष पूजा करनी चाहिए. इस समय सूर्य देव का बल भी कमजोर रहता है.
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खरमास में सूर्य की उपासना करनी चाहिए.
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इसके अलावा यह एक महीना महा धर्म, दान, जप-तप आदि के लिए अति उत्तम माना गया है. इस दौरान जो कोई भी व्यक्ति सच्ची आस्था और श्रद्धा के साथ दान पुण्य आदि करता है उससे कई गुना फल प्राप्त होता है.
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इसके अलावा खरमास के महीने में ब्राह्मण, गुरु, गाय और साधु-सन्यासियों की सेवा करने
का भी विशेष महत्व बताया गया है.
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खरमास के इस महीने में तीर्थ यात्रा करना बेहद ही उत्तम माना जाता है. इसके अलावा इस महीने में भागवत गीता, श्री राम पूजा, कथा वाचन, विष्णु और शिव पूजन बेहद ही शुभ माने जाते हैं.
मान्यता के अनुसार खरमास को किसी भी शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. इस मास में विवाह आदि शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. साथ ही इस माह में नया घर नहीं खरीदना चाहिए और नए घर का निर्माण कार्य भी शुरू नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि इस महीने में खरीदा हुआ घर सुख-समृद्धि नहीं लाता है. साथ ही इस माह में नया वाहन और नया व्यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि इस महीने में शुरू किए गए नए कार्यों में सफलता नहीं मिलती है.