Kharmas 2023 does and donts: हर साल में दो बार खरमास लगते हैं. सूर्य देवता देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब-तब खरमास लगता है. इस सास खरमास 16 मार्च 2023 से शुरू हो रहा हैं. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य जैसे विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश या किसी भी तरह का कोई संस्कार नहीं किए जाने का विधान बताया गया है.
खरमास की यह अवधि इस साल 19 अप्रैल को खत्म हो जाएगी. इसके अगले दिन यानी 20 अप्रैल से गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह, यज्ञ समेत अन्य मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे.
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खरमास के दौरान कभी भी मुंडन आदि संस्कार नहीं करना चाहिए.
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इसके अलावा खरमास के महीने में विवाह आदि मांगलिक कार्य भी नहीं करना चाहिए. इस वर्ष 14 अप्रैल को जब मलमास समाप्त होगा तब दोबारा शादी विवाह, मुंडन आदि किए जा सकेंगे. इस वर्ष विवाह मुहूर्त की बात करें तो अप्रैल में 24, 25, 26, 27 और 30 अप्रैल को विवाह मुहूर्त है.
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खरमास में बहू बेटियों की विदाई नहीं करनी चाहिए.
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इस दौरान गृह प्रवेश भी नहीं किया जाता है.
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किसी भी तरह का कोई शुभ या नया काम भी मलमास के महीने में लोग शुरू करने से कतराते हैं.
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मुमकिन हो तो खरमास के इस महीने में गेहूं, चावल, मूंग की दाल, जौ, तिल, आम, जीरा, सुपारी, सौंठ, सेंधा नमक भी नहीं खाना चाहिए.
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खरमास के महीने में किसी से भी गलत तरह से बात करने, लड़ाई झगड़ा या विवाद करने से भी जितना हो सके बचना चाहिए.
खरमास के महीने में सूर्य उपासना करना बेहद शुभ साबित होता है. इस दौरान आप चाहें तो रोजाना आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं और साथ ही इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी विशेष फलदाई होता है. इसके अलावा इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से अक्सर लोग बचते हैं. इसके पीछे की वजह बताई जाती है कि, इस दौरान किया गया कोई भी काम शुभ नहीं होता है और बीच में अटक जाता है और धन हानि भी हो सकती है.