खरसावां (शचीन्द्र कुमार दाश) : वनाधिकार अधिनियम के तहत आदिवासियों के निजी स्वामित्व, पट्टा व सामुदायिक संसाधनों के अधिकार पर दिल्ली में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संयुक्त महामंत्री विष्णुकांतजी व गिरीश कुबेरजी की उपस्थिति में ऐतिहासिक निर्णय हुआ. अब आदिवासियों को वनाधिकार देने के कार्य में तेजी आयेगी.
केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने बताया कि आदिवासियों को वनाधिकार मिलने का काम अब फास्ट ट्रैक पर होगा. उन्हें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक लक्ष्य के साथ इसे पूरा करने में सफल होंगे. उन्होंने कहा कि अब वनाधिकार कानून के तहत जो नियम एवं गाइडलाइंस बनाये गये हैं, वन मंत्रालय उसका अक्षरशः पालन करेगा.
वन मंत्रालय सभी राज्यों को इसे सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखेगा. निजी पट्टाधारियों के संबंध में जो मामले विभिन्न स्तरों पर अभी तक लंबित हैं, उनका अतिशीघ्र समाधान कर अविलंब पट्टे प्रदान करने पर सहमति बनी. अब हर तीन माह में दोनों मंत्रालय बैठक कर कानून का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे.
बैठक में यह बात सामने आयी कि सामुदायिक संसाधनों के वनाधिकार को मान्यता देने का कार्य अबतक मात्र 8-10% ही हुआ है, उसे निश्चित अवधि में मिशन मोड में शत प्रतिशत करने का निर्णय हुआ. श्री मुंडा ने कहा कि वे अवश्य लक्ष्य हासिल करेंगे.
Posted By : Guru Swarup Mishra