झारखंड : जर्जर कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर हैं पाताहातु के ग्रामीण, अब करेंगे आंदोलन
खरसावां के आदिवासी बहुल पाताहातु गांव में करीब 500 लोग निवास करते हैं. सभी जर्जर कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर हैं. दरअसल, सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गये हैं. ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि पाताहातु गांव के अंदर का सड़क नहीं बनी तो आंदोलन करेंगे.
खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश : खरसावां प्रखंड के हरिभंजा पंचायत के पाताहातु गांव के भीतर की सड़क पूरी तरह से जर्जर हो गयी है. इस कच्ची सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन गये हैं. इससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हल्की बारिश होते ही सड़क कीचड़ से भर जाता है. जबकि गर्मी व सर्दी के मौसम में उड़ती धूल से लोग परेशान रहते हैं. रविवार को पाताहातु गांव के ग्रामीणों ने बैठक कर जिला प्रशासन से सड़क के जीर्णोद्धार की मांग की है. ग्रामीणों ने बताया कि इस आदिवासी बहुल गांव में करीब 500 लोग निवास करते हैं.
पाताहातु गांव के अंदर का सड़क नहीं बनी तो ग्रामीण करेंगे आंदोलन
इस कच्ची सड़क का लंबे समय से मरम्मति नहीं होने के कारण यह जर्जर हो गयी है. गांव के भीतर चार पहिया वाहन ले जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में भी प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ साथ जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंप कर गांव के भीतर पीसीसी सड़क निर्माण के लिये आवेदन किया गया था. परंतु अब तक पीसीसी सड़क नहीं बन पायी है. ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया कि पाताहातु गांव के अंदर का सड़क नहीं बनी तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे.
श्रमदान कर सड़क की गई मरम्मति
ग्रामीणों ने बैठक के पश्चात श्रमदान करके सड़क की मरम्मति की. गांव के महिला व पुरुषों ने श्रमदान कर सड़क पर बने गड्ढों को भरा, ताकि आवागमन में कुछ सुविुधा हो सके. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क जर्जर होने से स्कूली बच्चों को भी काफी दिक्कत होती है. बच्चे अक्सर सड़क पर गिरकर घायल हो रहे हैं. बारिश के दिनों में एंबुलेंस से लेकर किराये के ओटो भी गांव में आने से कतराते हैं. ऐसे में गांव में पक्की सड़क बनाना बेहद जरूरी है.
बैठक में मुख्य रुप से जगमोहन मुंडारी, मुन्नीलाल जामुदा, एतो मुंडारी, रवाना सिजुई, सुरज सिजुई, हिंदु सिजुई, जानोमाई जामुदा, सिलवंती मुंडारी, मुक्ता सिजुई, जानकी कुई, अनिता सिजुई, तरण सिजुई, सोनु सिजुई, तुलसी, शंकरी, सुशील, गुरुवारी आदि उपस्थित थे.