14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand:खतियान में त्रुटि से जारी नहीं हो रहा OBC सर्टिफिकेट, गौड़ सेवा संघ ने MLA दशरथ गागराई से की ये मांग

गांव के मूल खतियान में विभिन्न उपजातियां दर्ज हैं. इस कागजी त्रुटि के कारण ओबीसी वन का प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. इस कागजी त्रुटि को दूर कर ओबीसी वन का प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए उचित पहल करने की मांग की गयी.

खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश. गौड़ सेवा संघ का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को खरसावां विधायक दशरथ गागराई से मिलकर तीन सूत्री ज्ञापन सौंपा. इसमें कहा गया है कि खतियान में त्रुटि के कारण ओबीसी वन का प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहा है. इस त्रुटि को दूर करने की मांग की गयी. कोल्हान के ओड़िया भाषी गांवों के स्कूलों में ओड़िया भाषी शिक्षक व पाठ्य पुस्तकों की कमी के कारण बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हो रहे हैं. इस कमी को दूर करने की मांग की गयी.

खतियान में त्रुटि दूर करने की मांग

गौड़ सेवा संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सौंपे गये ज्ञापन में कहा है कि कोल्हान में बड़ी संख्या में ओड़िया भाषी व गौड़ समाज के लोग निवास करते हैं, जो यहां के मूल अधिवासी है. कोल्हान प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले ओड़िया भाषा-भाषी प्रधान जाति में गौड़, ग्वाला, गोप, महाकुड़, गोपाड़ गिरी, बारिक, तेहरा उपजाति हैं. ये सभी एक ही जाति ग्वाला ही हैं, जो ओबीसी वन की श्रेणी में आते हैं, परंतु किसी-किसी गांव के मूल खतियान में विभिन्न उपजातियां दर्ज हैं. इस कागजी त्रुटि के कारण ओबीसी वन का प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. इस कागजी त्रुटि को दूर कर ओबीसी वन का प्रमाण पत्र जारी कराने के लिए उचित पहल करने की मांग की गयी. ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से गौड़ सेवा संघ के केंद्रीय सचिव बलराम प्रधान, सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप प्रधान, विरेंद्र प्रधान, नील माधव प्रधान, अजीत प्रधान, विवेका प्रधान आदि शामिल थे.

Also Read: Tata Steel : जमशेदपुर की तार कंपनी के नये प्रबंध निदेशक अभिजीत अविनाश नैनोटी ने संभाला कार्यभार

सातवें पत्र में ओड़िया भाषा शामिल करने की मांग

ज्ञापन में झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची की विज्ञप्ति संख्या 02/ 2023 का संदर्भ लेते हुए कहा है कि प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र 2016-18, 2017-19, 2018-20, 2019-21 व 2020-22 के परीक्षा कार्यक्रम के सप्तम पत्र में ओड़िया भाषा का विकल्प नहीं है. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के सातवें पत्र में ओड़िया भाषा को शामिल करने की मांग गयी है. ज्ञापन में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 29 व 30 में बच्चों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार दिया गया है, परंतु कोल्हान के ओड़िया भाषी गांवों के स्कूलों में ओड़िया भाषी शिक्षक व पाठ्य पुस्तकों की कमी के कारण बच्चे अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हो रहे हैं. ओड़िया भाषी शिक्षक व ओड़िया पाठ्य पुस्तकों की कमी को दूर करने की मांग की गयी.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड का एक गांव, जहां महामारी से बचाव के लिए 100 साल पहले शुरू हुई थी माघी काली पूजा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें