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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बड़ी घोषणा, मनरेगा के तर्ज पर ‘खेला हाेबे’ योजना की होगी शुरुआत

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा की भांति ग्रामीण आवास योजना का क्रियान्वयन भी राज्य सरकार अपने दम पर करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आवास योजना (ग्रामीण) के तहत यहां 11 लाख से अधिक घर बनाने की मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में फंड देने से इंकार कर दिया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने एलान किया कि केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट (मनरेगा) के तहत पश्चिम बंगाल को फंड देना बंद कर दिया है, इसलिए राज्य सरकार अब अपने दम पर मनरेगा के जॉब कार्ड धारकों को रोजगार का अवसर प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा राज्य में ‘खेला होबे’ योजना काे लांच किया जायेगा, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार का अवसर प्रदान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को औसतन 30-35 दिनों का रोजगार मिलता है.

राज्य सरकार का केंद्र पर सात हजार करोड़ रुपये बकाया

चूंकि बंगाल में योजना के तहत सबसे अधिक रोजगार दिया जाता था, जिसकी वजह से केंद्र सरकार ने योजना के तहत फंड देना बंद कर दिया है. लेकिन राज्य सरकार ‘खेला होबे’ योजना के तहत कम से कम 50-60 दिन तक का रोजगार का अवसर प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि इसके तहत लोगों से राज्य में विभिन्न योजनाओं का काम कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत राज्य सरकार का केंद्र पर सात हजार करोड़ रुपये बकाया हैं, जिसका भुगतान केंद्र नहीं कर रहा है.

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अपने दम पर बांग्लार बाड़ी योजना का क्रियान्वयन करेगी राज्य सरकार

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीण क्षेत्राें की आवास योजना को लेकर भी बड़ी घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा की भांति ग्रामीण आवास योजना का क्रियान्वयन भी राज्य सरकार अपने दम पर करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आवास योजना (ग्रामीण) के तहत यहां 11 लाख से अधिक घर बनाने की मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में फंड देने से इंकार कर दिया. ऐसे में राज्य सरकार यहां बांग्लार बाड़ी योजना के तहत अपने दम पर ग्रामीण क्षेत्रों में पक्के आवास का निर्माण करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इसके लिए फंड की भी व्यवस्था कर ली है. इस वित्तीय वर्ष में ही 11 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

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अब फिर से सक्रिय हो सकती है इडी-सीबीआइ

मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आशंका जतायी कि रैली के बाद फिर केंद्रीय जांच एजेंसियां राज्य में सक्रिय हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई तेज हो सकती है. उन्होंने कहा : हम इनसे अच्छी तरह वाकिफ हैं. लेकिन हम ऐसी धमकियों से नहीं डरेंगे और अन्याय के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे. मैं चुनौतियों को स्वीकार करने में विश्वास रखती हूं. पिछले साल 22 जुलाई की सुबह शहीद दिवस कार्यक्रम के 24 घंटे के अंदर ही बड़ी कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व महासचिव पार्थ चटर्जी को करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती मामले में उनकी कथित संलिप्तता के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. पिछले साल शहीद दिवस कार्यक्रम का संचालन पार्थ चटर्जी ने ही किया था.

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पंचायत चुनाव में विपक्षी पार्टियों ने फैलायी हिंसा

ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में हिंसा की कुछ घटनाएं विपक्षी दलों द्वारा रची गयी थीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 71,000 से अधिक बूथों पर चुनाव हुए और हिंसा की घटनाएं सीमित क्षेत्रों में हुईं. इस बार के चुनाव पिछले वाममोर्चा शासन के दौरान ग्रामीण निकाय चुनावों में होने वाले नरसंहार की तुलना में ज्यादा शांतिपूर्ण थे. इस बार पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक 29 लोगों की मौत हुई है. इसमें से 18 लोग तृणमूल कांग्रेस के थे.

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विधानसभा में सत्र बुलाने की भी नहीं मिल रही अनुमति

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस विधानसभा का माॅनसून सत्र बुलाने की मंजूरी के लिए राजभवन भेजी गयी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं. गौरतलब है कि राज्य सरकार की 24 जुलाई से माॅनसून सत्र शुरू करने की योजना है और इसकी मंजूरी के लिए फाइल राजभवन भेजी गयी थी, जिस पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. सुश्री बनर्जी ने एक बार फिर पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारे संघीय ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है. राज्यपाल हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं और विधानसभा भी शुरू करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

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