UP: गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा खोराबार क्षेत्र में आवासीय योजना में भूखंड लेने वाले लोगों को अलग से जीडीए से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. 300 वर्ग मीटर तक की भूखंड की कीमत में नक्शे का शुल्क भी शामिल होगा. भूखंड लेने वाले लोग आवंटित होने के बाद तत्काल निर्माण कार्य शुरू करा सकेंगे. किसी को मकान बनवाने के लिए अलग से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही जीडीए कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ेगा. जीडीए ने पहली बार किसी योजना में यह व्यवस्था शुरू की है.
जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तवर ने बताया कि खोराबार आवासी योजना में आवंटित किए जाने वाले भूखंड पर लोगों को अपना आवास बनाने के लिए अलग से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी.उन्होंने बताया की जीडीए की ओर से किसी योजना में ऐसी व्यवस्था पहली बार की गई है. जीडीए की ओर से दिए जाने वाले स्टैंडर्ड डिजाइन पर आवास बनाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्राइवेट कॉलोनाइजर भी स्वीकृत लेआउट वाली कॉलोनी में यह सुविधा दे सकते हैं.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण की योजनाओं में विकास शुल्क पहले ही जमा करा लिया जाता है. जिससे नक्शा पास कराने में लोगों को अधिक खर्च नहीं करना पड़ता है. लेकिन जीडीए ने लोगों को और सुविधा देने के लिए खोराबार आवासीय योजना में नक्शा पास कराने की झंझट से मुक्ति देने का निर्णय लिया है.
जीडीए नक्शे का शुल्क पहले ही भूखंड की कीमत के साथ ले लेगा. जीडीए की ओर से दी जा रही ये सुविधा प्राइवेट कॉलोनाइजर भी दे सकते हैं. इसके लिए लेआउट स्वीकृत कराना होगा और एक मानक डिजाइन तैयार कराकर उसे पास कराना होगा. यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनके कॉलोनी में भी भूखंड खरीदने वालों को नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होगी.
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खोराबार आवास योजना में जीडीए की ओर से एक मानक डिजाइन दिया जाएगा. इसी के अनुसार निर्माण कराना होगा. लोग अपनी सुविधा के अनुसार आंतरिक परिवर्तन कर सकते हैं. लेकिन खुले स्थान और सेट बैक में किसी प्रकार का परिवर्तन लोग नहीं करा सकेंगे.मानक डिजाइन के विपरीत भी लोग समन करा कर निर्माण करा सकेंगे.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप,गोरखपुर