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विनय तिवारी की खोरठा कविताएं – मिटे नायं दिहा माटिक मान और मानुसे मानुस के मारे लागल

विनय तिवारी की खोरठा कविताएं - मिटे नायं दिहा माटिक मान और मानुसे मानुस के मारे लागल इस बार प्रभात खबर के दीपावली विशेषांक में प्रकाशित हुईं हैं. इन्हें आप भी यहां पढ़ें...

By Mithilesh Jha | December 10, 2023 7:44 PM
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मिटे नायं दिहा माटिक मान

जखन हाम होसेक दुनियाएं

डेग राखल हलों

तखनी से तोर नारा, पोस्टर बैनर

मीटिंग सिटिंग देख हलों

आपन माटी, आपन भासा, आपन संस्कृति,आपन राइज

के जे आइग लागल हल

सय आंगीं हामहुं जरो हलों।

आंधे-मुंधें पुलिसे पिटल

कते बम गोली चलल

हामहुं जान बचवेक फेरायं तोहनीं संग

बोन बाटें दौड़- हेलों।

कते लोक जेल गेला

कते लोक जान देला

सेय सोब के घार जाय

आँखिक लोर पोछों हलों।

रहत नायं दुखेक दिन

डांढ़ा सोभिन एके ठिन

जाइके सोभेक घारे-घारे

कते सोब के बुझवो हलों।

लागल रहा, जागल रहा

के नारा दे हलों

विनय तिवारी के गीत झूमइर

मीटिंग-सिटिंगें सुन हलों

सोब लोकेक साथ मिलल

नोतन आपन ठांव भेल

खुसिक मारीं आधा रातीं

मांदइर लेय के नाचल हलों।

इयाद राखिहें उलगुलान

मिटे नायं दिहा माटिक मान

मायं माटी मानुस खातिर

आपन सोब छोडल हलों।

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मानुसे मानुस के मारे लागल

मानुस आर मानुस नायं रहल

मानुसे, मानुस के मारे लागल

धन दौलतेंक पेछुएँ भेल एते पागल

कि आपन खुइनो के नायं चिन्हे लागल।

भाय बनल आइज भाय के दुसमन

बुढ़ा मांय-बाप बोझ लागे लागल।

आपन-पोर,हित-मितर सोब

टाकाक ओजनें तोलाय लागल।

प्रेम-पिरितेक ठांवें आब

सोना-चांदी चमके लागल।

फूल-सहिया आर गोतिया

गावँ घार ले हेराय लागल।

मांदइर बेचारा कोंका भेल

झुमइर बइस के कलपे लागल।

के लगवल ई आइग रे विनय

कि प्रेमक बगिया जरे लागल।

धुरबाजेक ई धरती सरग भेल

आब पंच परमेश्वर नायं माने लागल।

मानुसे आब मानुस के सोसन

आर अतियाचार करे लागल।

मानुस आर मानुस नायं रहल

ई जुगें

मानुसे मानुस के मारे लागल।

संपर्क : ग्राम व पोस्ट – रोवाम, कतरासगढ़, धनबाद, झारखंड – 828113, मो. – 9334345097

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