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उग्रवाद-पलायन के लिए कुख्यात खूंटी की कितनी बदली तस्वीर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कही ये बात

खूंटी जिले ने अपने 14 वर्ष पूरे कर लिये. इतने कम समय में जिले में कई विकास कार्य हुये और कई कार्य होने बाकी हैं. इस जिले का सबसे बड़ा सपना अब भी अधूरा है. हॉकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध खूंटी से इस वर्ष निक्की प्रधान ओलंपिक तक का सफर तय की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2021 3:08 PM
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Khunti District Foundation Day, खूंटी न्यूज (चन्दन कुमार) : नई सोच और नई उम्मीदों के साथ 12 सितंबर 2007 को रांची से अलग होकर खूंटी नया जिला बना था. खूंटी जिले ने अपने 14 वर्ष पूरे कर लिये हैं. इन 14 वर्षों में जिले में कई नई उम्मीदें जगीं तो कई चीजें पीछे छूट गयीं. कभी उग्रवाद, पलायन, अफीम की खेती सहित कई चीजों के लिए जिला बदनाम रहा. वहीं विवादित पत्थलगड़ी के मुद्दे ने खूंटी को पूरे देश में चर्चित बना दिया. समय के साथ धीरे-धीरे जिला इन चीजों से उबर रहा है. केंद्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा ने कहा कि राजधानी रांची के पास होने के कारण यहां विकास की अपार संभावनायें हैं. नॉलेज हब के रूप में इसे बनाने की योजना थी.

खूंटी जिले का सबसे बड़ा सपना अब भी अधूरा है. हॉकी की नर्सरी के रूप में प्रसिद्ध खूंटी से इस वर्ष निक्की प्रधान ओलंपिक तक का सफर तय की. कोरोना महामारी के प्रकोप से दो-दो बार खूंटी जिला उबरा है. जिले में कई सपने अभी भी पल रहे हैं. खेल और पर्यटन के माध्यम से जिले की विकास को गति मिलने की उम्मीद है.

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जिला बनने से पूर्व खूंटी अनुमंडल था. जिसमें बुंडू, सोनाहातू, तमाड़, खूंटी, मुरहू, तोरपा, रनिया, अड़की और कर्रा प्रखंड शामिल थे. 12 सितंबर 2017 को बुंडू, सोनाहातू और तमाड़ को अलग कर खूंटी जिला की स्थापना हुई. खूंटी जिले का क्षेत्रफल 2611 वर्ग किलोमीटर है. 2011 के जनगणना के अनुसार जिले की आबादी 531885 है. जिसमें 267525 पुरुष और 264360 महिलायें हैं. जनसंख्या घनत्व 215 प्रति वर्ग किमी है. साक्षरता दर 64.51 प्रतिशत है. जिले में मुख्यतः नागपुरी, मुंडारी और हिन्दी बोली जाती है.

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खूंटी जिले ने अपने 14 वर्ष पूरे कर लिये. इतने कम समय में जिले में कई विकास कार्य हुये और कई कार्य होने बाकी हैं. जिले के लोगों ने अब तक के सफर पर संतोष व्यक्त किया तो कई को अभी भी काफी उम्मीदें हैं. केंद्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं जब मुख्यमंत्री था, तभी खूंटी जिला बना. खूंटी को नॉलेज हब बनाने की योजना थी. राजधानी रांची के पास होने के कारण यहां विकास की अपार संभावनायें हैं. आदिवासी संस्कृति और महापुरुषों की इस धरती को एक आदर्श शहर के रूप में देखना चाहता हूं.

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झामुमो जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद ने कहा कि जिले का लगातार विकास हो रहा है. कोरोना काल में भी जिला अच्छा काम किया. पानी की समस्यायें खत्म हुई हैं. सरकार बनते ही हेमंत सोरेन ने पत्थलगड़ी के मामलों को समाप्त करने की घोषणा की. आगे भी अच्छा काम होगा. हॉकी संघ की वरीय उपाध्यक्ष अर्पणा हंस ने कहा कि विकास में जो तेजी होनी चाहिए थी वह नहीं है. उम्मीद है कि देर से ही सही पर बेहतर विकास होगा. खेल के क्षेत्र में निक्की प्रधान ने देश में खूंटी का नाम रोशन किया. खिलाड़ियों के आगे बढ़ने के लिए उचित प्लेटफॉर्म बनाना होगा.

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व्यवसायी सुमित मिश्र ने कहा कि खूंटी जिले का अबतक का सफर काफी संतोषजनक रहा है. आगे भी अभी कई उम्मीदें है. जिलेवासी खूंटी में एक रेलवे स्टेशन की उम्मीद कर रहे हैं. आदिवासी छात्र नेता दुबराज सिंह मुंडा ने कहा कि जिस उम्मीद के साथ खूंटी जिले को अलग किया गया था वो अब तक पूरा नहीं हुआ है. जिले में अभी और भी काम करने की आवश्यकता है. क्षेत्र की समस्यायें कम जरूर हुई हैं लेकिन विकास की गति को और बढ़ाने की जरूरत है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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