अलीगढ़. अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के शौचालय में हुई हत्या की घटना को लेकर जीआरपी रेलवे ने खुलासा किया है. जीआरपी रेलवे ने बताया कि आरोपी प्रेमिका के साथ रहना चाहता था. इसलिए पिता की हत्या कर प्रेमिका के परिजनों को फंसाने का षडयंत्र रचा. लेकिन सीसीटीवी, फारेंसिक तथ्यों, सर्विलांस व साइंटिफिक तरीक से हुई जांच में आरोपी बेटे की करतूत का खुलासा हुआ. शुक्रवार को अनुराग उर्फ जौनी ने थाना अलीगढ़ जीआरपी पर सूचना दी गयी कि उसके पिता महेन्द्र प्रताप उम्र 55 वर्ष की प्लेटफार्म नं0 07 पर बनी नई बिल्डिंग के शौचालय में कुछ लोगों द्वारा चाकू से गोदकर हत्या कर दी गयी है. प्राप्त सूचना के आधार पर थाना जीआरपी ने सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया. इस सूचना पर तत्काल संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक रेलवे मोहम्मद मुश्ताक द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया.
विवेचना के दौरान यह पाया गया कि महेन्द्र प्रताप का पुत्र अनुराग उर्फ जौनी द्वारा अपनी प्रेमिका को पुनः पाने के लिये और उसके पति,भाई, प्रेमिका की मां, बहन, भाई व सम्बन्धियों को झूठे केस में फंसाने के उद्देश्य से अपने पिता की स्वंय चाकू से गोदकर हत्या कर दी गयी. सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस एंव फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर अनुराग उर्फ जौनी को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पूछताछ में आरोपी अनुराग उर्फ जौनी ने बताया कि पानीपत में रहकर मेहनत मजदूरी कर गुजारा करता है. इसी दौरान मेरी मुलाकात बिहार की रहने वाली एक महिला से हो गई. महिला शादीशुदा थी. जिसके तीन बच्चे थे. करीब छः माह पूर्व अनुराग चुपचाप मौका पाकर उसे लेकर अपने घर एटा स्थित अलीगंज लेकर आ गया. जहां करीब डेढ़ माह पति-पत्नि के रूप में रहा. इसी दौरान महिला ने अपने बच्चों से मिलने बिहार जाने की इच्छा जताई और वह चली गयी. अनुराग जब बिहार महिला को लेने गया. तो उसने साथ आने से मना कर दिया. उसके बाद अनुराग पानीपत आ गया. अनुराग ने महिला को समझाने के लिए पानीपत बुलाया. जब वह नहीं मानी तो अपने पिता को पानीपत बुला लिया.
अनुराग किसी भी कीमत पर महिला को पाना चाहता था और उसने मना कर दिया. इसके बाद अनुराग ने अपने ही पिता की हत्या कर महिला और उसके पति,उसकी मां,भाई-बहन व अन्य लोगों को झुठे केस मे फंसाने की योजना बना डाली. इसके बाद पिता महेन्द्र और पुत्र अनुराग एटा अपने घर वापस आने के लिये पानीपत रेलवे स्टेशन पर आ गये. रेलवे स्टेशन पर अपने पिता को बैठाकर उसने जरुरी काम बताकर बाजार से चूहे मारने की दवा व एक चाकू और एक शराब की बोतल लेकर वापस आ गया. पानीपत से ऊंचाहार एक्सप्रेस के जनरल कोच मे बैठकर अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर आ गये. अनुराग अलीगढ से एटा जाने के लिए प्लेट फार्म न.-7 पर आ गया. वहां अनुराग अपने पिता से कहा कि घर जाने में अभी टाइम है. कही बैठकर शराब पीते है. रेलवे स्टेशन पर बन रही नई बिल्डिंग के एकान्त में बने बाथरुम में पिता को ले गया.
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इसी दौरान अनुराग ने शराब में चूहे मारने की दवा मिलाकर अपने पिता को पिला दी. नशा होने पर पिता अचेत हो गया और इसी का फायदा उठाकर अनुराग ने चाकू निकालकर पिता महेन्द्र के सीने मे घुसेड़ दिया. जब अनुराग ने चाकू खींचा तो चाकू का हत्था हाथ मे आ गया और चाकू अन्दर ही घुसा रह गया. उसके बाद पिता को हिला-डुला कर देखा तो उनकी सांसे थम चुकी थी. उसके बाद अनुराग शोर शराबा करते हुए 112 पर कॉल किया और अपनी मां को भी इसकी सूचना दी. रेलवे पुलिस को भी झूठी सूचना दी कि मेरे पिता की चाकू मारकर हत्या कर दी है. अनुराग को विश्वास था कि मेरे द्वारा थाने पर सूचना देने के बाद पुलिस महिला के पति, उसकी मां, भाई-बहन व अन्य लोगों को पकड़कर जेल भेज देंगी. इसके बाद महिला के पास कोई सहारा न होने की स्थिति में मेरे साथ रहने लगेगी.