24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महिला हिंसा की शिकार पीड़ितों को न्याय दिलाने में जुटी कोडरमा की किरण व सोनिया, कर रही है जागरूक

Jharkhand news, Koderma news : 25 नवंबर अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस. इस दिन वैसी महिलाओं को याद करते हैं, जो विषम परिस्थिति में भी महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न के मामले में आवाज बुलंद करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाती है. ऐसी महिलाएं अपनी काबिलियत के दम पर न केवल स्वयं को सफलता की ऊंचाइयों में पहुंचाया, बल्कि अपनी कर्मठता और साहस से कई महिलाओं को न केवल न्याय दिलवाने में अहम भूमिका निभायी, बल्कि उन अबलाओं के उजड़े घरों को फिर से सवांरने का भी कार्य किया.

Jharkhand news, Koderma news : कोडरमा बाजार : 25 नवंबर अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस. इस दिन वैसी महिलाओं को याद करते हैं, जो विषम परिस्थिति में भी महिलाओं के प्रति हिंसा, शोषण एवं उत्पीड़न के मामले में आवाज बुलंद करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाती है. ऐसी महिलाएं अपनी काबिलियत के दम पर न केवल स्वयं को सफलता की ऊंचाइयों में पहुंचाया, बल्कि अपनी कर्मठता और साहस से कई महिलाओं को न केवल न्याय दिलवाने में अहम भूमिका निभायी, बल्कि उन अबलाओं के उजड़े घरों को फिर से सवांरने का भी कार्य किया.

35 वर्षों में सैकड़ों महिलाओं को न्याय दिला चुकी है अधिवक्ता किरण कुमारी

झुमरीतिलैया निवासी सह प्रसिद्ध अधिवक्ता किरण कुमारी अपने सेवाकाल के 35 वर्षों में सैकड़ों महिलाओं को न्याय और अधिकार देने का साहसिक काम किया. बकौल किरण कुमारी वर्तमान समय में बहुत सी महिलाएं अपनी प्रतिभा की बदौलत हर क्षेत्र में पुरुषों को चुनौती दे रही है और अपना परचम लहरा रही है. मगर समाज में ऐसी महिलाओं की कमी नहीं है जो तमाम योग्यता के बावजूद घरेलू हिंसा समेत विभिन्न प्रकार की प्रताड़ना को झेलने को मजबूर है.

उन्होंने बताया कि एक अधिवक्ता के रूप में कई ऐसी महिलाओं को न्याय दिलवाने का प्रयास किया गया है जो हर दरवाजे को खटखटाने के बाद मेरे दहलीज पर पहुंची है. बाद में राज्य महिला आयोग की सदस्य बनने पर कोडरमा समेत राज्य के कई जिलों के हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न केवल न्याय दिलवाया, बल्कि उनके उजड़े घरों को दुबारा बसाने में भी सहयोग किया. इसके अलावा डालसा और महिला कोषांग के माध्यम से भी महिलाओं को न्याय दिलवाने के साथ उन्हें अधिकार भी दिलवायी.

Also Read: नक्सल प्रभावित डुमरी प्रखंड में महिला हिंसा की शिकार पीड़ितों को न्याय दिलाने में जुटी ममता, जानें कैसे करती है काम

किरण कुमारी ने कहा कि 35 वर्षों के सेवाकाल में अपर लोक अभियोजक, लोक अभियोजक समेत कई अलग- अलग प्लेटफार्म में रहकर महिलाओं को उनके हक और अधिकार के लिए सदैव तत्पर रही. उन्होंने कहा कि महिला हिंसा के खिलाफ सामूहिक रूप से आवाज उठाना होगा. यही नहीं महिलाओं को शिक्षित होने के साथ-साथ उन्हें अपने हक और अधिकार के प्रति जागरूक होना पड़ेगा तभी इस तरह की हिंसा पर अंकुश लगेगा. उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में महिला हिंसा या प्रताड़ना की कोई जगह नहीं बावजूद इस तरह की घटनाएं दुखद है. महिलाओं को इसके खिलाफ मुखर होकर विरोध करना चाहिए. पीड़िता के पक्ष में खड़ा होना चाहिए, ताकि उसका आत्मबल में वृद्धि हो सके. जब समाज के हर वर्ग और कोने से महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठेगी, तो निसंदेह इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगेगा.

महिलाओं के हित में 23 वर्षों से संघर्ष कर रही है सोनिया

ग्रामीण इलाके की घरेलू महिला जयनगर के डंडाडीह निवासी सोनिया देवी 23 वर्षों से महिलाओं के हित एवं अधिकार के लिए संघर्ष कर रही है. यही नहीं जुल्म एवं शोषण के खिलाफ वह हमेशा आवाज बुलंद करती रहती है. यही कारण है कि आज सोनिया महिला समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गयी है. सोनिया ने अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1998 में भाकपा की सदस्यता ग्रहण कर की. आज वह एटक की प्रदेश उपाध्यक्ष, निर्माण मजदूर यूनियन की राज्य सचिव एवं भाकपा की राज्य परिषद सदस्य है. महिला हितों की रक्षा के लिए उनके द्वारा समय-समय पर शराब बंदी अभियान चलाया जाता है. इस अभियान की सफलता को लेकर डीसी एवं जिप अध्यक्ष द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र भी मिल चुका है.

सोनिया हमेशा घरेलू हिंसा, महिला हिंसा, डायन प्रथा, दहेज प्रथा, महिला उत्पीडन आदि के सवालों को लेकर संघर्ष किया है. महिलाओं को अधिकार एवं इंसाफ दिलाने के लिए उन्होंने दर्जनों रैलियां, सभा, बैठक एवं प्रदर्शन भी किया है. उन्होंने इस दिशा में जागरूकता को लेकर जिला से लेकर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर तक के सम्मेलन एवं सेमिनारों में भाग लिया है. सोनिया कहती हैं कि महिलाओं के हक एवं अधिकार के लिए उन्हें एकजुट कर संघर्ष का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. सोनिया की मानें, तो कल की महिलाओं की अपेक्षा आज की महिलाओं में जागरूकता आयी है, मगर आज भी पुरुष प्रधान समाज महिलाओं पर अत्याचार करने से बाज नहीं आ रहा है. इसके खिलाफ बडी गोलबंदी की जरूरत है.

Also Read: 33 हजार रुपये घूस लेते जयनगर अंचल कर्मी को हजारीबाग एसीबी की टीम ने किया गिरफ्तार

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें