Kisan Diwas 2021: MBA पास तरुण व सरकारी नौकरी कर रहे रविरंजन क्यों कर रहे जैविक खेती, कितना रंग लायी मेहनत
Kisan Diwas 2021: एमबीए पास तरूण भगत और सरकारी नौकरी कर रहे रवि रंजन पाठक खूंटी में जैविक खेती कर रहे हैं. ये किसी रासायनिक खाद और दवाओं का प्रयोग नहीं करते हैं. ऑर्गेनिक होने के कारण उनकी सब्जियों की अच्छी मांग रहती है.
Kisan Diwas 2021: झारखंड के खूंटी जिले के दो युवा ऑर्गेनिक (जैविक) खेती को बढ़ावा देने के लिए एरेंडा गांव में दस एकड़ भूमि में ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. इससे खुद और दूसरों को भी वे ऑर्गेनिक सब्जी उपलब्ध करा रहे हैं. एमबीए की पढ़ाई कर दो अलग-अलग कंपनी चला रहे तरूण भगत और सरकारी नौकरी कर रहे रवि रंजन पाठक ने मिलकर दो वर्ष पूर्व फार्म वन के नाम से कृषि कंपनी स्थापित की थी. अब जैविक खेती से उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. इसके अलावा उनके खेत में लगभग 12 मजदूर भी काम कर रहे हैं.
एमबीए पास तरूण भगत और सरकारी नौकरी कर रहे रवि रंजन पाठक खूंटी में जैविक खेती कर रहे हैं. ये किसी रासायनिक खाद और दवाओं का उपयोग नहीं करते हैं. ऑर्गेनिक होने के कारण उनकी सब्जियों की अच्छी मांग रहती है. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है. वे साल में लगभग पांच लाख रुपये की कमाई कर ले रहे हैं. इसके अलावा उनके खेत में लगभग 12 मजदूर भी काम कर रहे हैं. फिलहाल उनके खेत में मटर की अच्छी पैदावार हुई है. इसके अलावा सहजन, बींस की भी खेती हुई है. अब वे तरबूज की खेती करने की तैयारी में हैं.
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किसान तरूण भगत ने कहा कि वे शुरू से जमीन से जुड़े हुये हैं. खेती में पहले से रुचि थी. अपने कामों के साथ खेती को भी व्यवसाय के रूप में चुना. सरकार की ओर से अनुदान पर ड्रिप इरिगेशन की सुविधा मिली है. किसान रवि रंजन पाठक ने कहा कि खेती में गोबर खाद, जीवाश्म खाद का उपयोग किया जाता है. रासायनिक खादों का न के बराबर प्रयोग किया जाता है. जिसके कारण सब्जियों का स्वाद भी अच्छा रहता है. अपनी ड्यूटी के बाद बचे समय को खेती कार्य में देते हैं. आपको बता दें कि इन दोस्तों की मेहनत रंग लायी. ये न सिर्फ जैविक खेती से अच्छी कमायी कर रहे हैं, बल्कि रोजगार भी दे रहे हैं.
रिपोर्ट: चंदन कुमार