केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. कृषि लागत कम कर उत्पादन बढ़ाने की योजना तैयार की है. इसी के तहत जिले में लैंप्स को हर तरीके से अपडेट कर किसान समृद्धि केंद्र में तब्दील करने की तैयारी है. दिसंबर तक जामताड़ा जिले के 119 लैंप्सों को किसान समृद्धि केंद्र में बदलने की संभावना है. वर्तमान में प्रथम फेज में 18 लैंप्सों को किसान समृद्धि केंद्र के रूप में खोला जायेगा, जिसकी प्रक्रिया जारी है. जानकारी के अनुसार किसान समृद्धि केंद्र में बीज के साथ-साथ खाद की बिक्री होगी. साथ ही किसानों को खेती-बारी से जुड़ी सही जानकारी भी सही समय पर पहुंचाने की व्यवस्था होगी. ग्रामीण स्तर पर खोले जाने वाले केंद्र में भविष्य में किसान मिट्टी, बीज, खाद आदि की जांच करा सकेंगे. किसानों को इन केंद्रों पर छोटे-बड़े हर तरह के उपकरण भी मिलेंगे. ये उपकरण कृषि से जुड़े होंगे, जिनकी मदद से किसान खेती-बाड़ी कर सकेंगे. किसानों को गांव में ही कृषि से संबंधित सभी सुविधाएं मिलेंगी. क्योंकि उन्हें कृषि उपकरण के लिए बहुत भाग दौड़ करना पड़ता है. इसके अलावा किसान इन केंद्रों पर खेती के लिए एक्सपर्ट से सलाह प्राप्त कर सकेंगे. केंद्र पर किसानों को उर्वरक, पोषक तत्व, जैविक उर्वरक व कीटनाशक मिलेगा. केंद्रों को खोलने के लिए कुछ मापदंड भी निर्धारित किया गया है. लैंप्स सदस्य या पदाधिकारी को खाद की जानकारी होना जरूरी है. इसके लिए उन्हें किसान विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षित होना जरूरी है.
जिले में 119 लैंप्स हैं, जिसमें से 18 लैंप्सों को पहले फेज में किसान समृद्धि केंद्र के रूप में चयन किया गया है. इसमें जामताड़ा लैंप्स व चैंगायडीह लैंप्स के साथ-साथ करमाटांड़, सिकरपोसनी, फोफनाद, ताराबहाल व नवाडीह, कुंडहित प्रखंड में बाबुपुर व भेलुवा, फतेहपुर प्रखंड में पालोजोरी, डुमरिया, खमारबाद, नाला प्रखंड में कुलडंगाल व फुटबेड़िया, नारायणपुर प्रखंड में सबनपुर, मदनाडीह व नारायणपुर लैंप्स शामिल हैं.
जामताड़ा के डीसीओ जिले के लैंप्सों को किसान समृद्धि केंद्र के रूप में बदलना है. प्रथम फेज में 18 लैंप्सों का चयन किया गया है, जिसकी प्रक्रिया जारी है. इन केंद्र में किसानों को बीज के साथ-साथ खाद मिलेगा. बाद में कई और सुविधाएं बढ़ेंगी.