Kishore Kumar Birth Anniversary: किशोर कुमार मनोरंजन इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित गायकों में से थे. उनका जन्म 4 अगस्त 1929 में हुआ था और 13 अक्टूबर 1987 को उन्होंने अंतिम सांस ली. संगीत उस्ताद न केवल अपनी शानदार गायन प्रतिभा के लिए जाने जाते थे, बल्कि एक शानदार अभिनेता, संगीत निर्देशक, निर्माता, गीतकार, लेखक, निर्देशक और पटकथा लेखक भी थे. राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी ने एक बार कहा था, ‘महापुरुष कभी नहीं मरते हैं, और यह हम पर निर्भर है कि हम उनके द्वारा शुरू किए गए काम को जारी रखते हुए उन्हें अमर बनाए रखें.’ यह बातें किशोर कुमार पर बिल्कुल फिट बैठता है, क्योंकि वह एक महान गायक और सुपरहिट संगीत की वजह से आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं. भारतीय संगीत इंडस्ट्री में उनका योगदान अतुलनीय है और हम इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकते. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर आइये उनके बारे में कुछ बातें जानते हैं.
किशोर कुमार कई विधाओं में माहिर थे. वह एक अभिनेता और निर्देशक थे, लेकिन यह उनकी प्रसिद्ध आवाज है, जिसके लिए उन्हें सबसे ज्यादा याद किया जाता है. किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था. उन्होंने दिलीप कुमार, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, जीतेंद्र, देव आनंद, शशि कपूर और ऋषि कपूर, संजय दत्त, अनिल कपूर सहित कई पीढ़ियों के प्रमुख लोगों को आवाज दी.
किशोर कुमार ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बॉम्बे टॉकीज नामक फिल्म स्टूडियो में एक कोरस गायक के रूप में शुरू किया, जहां उनके भाई ने काम किया था. कम उम्र में उनकी प्रतिभा को पहचानकर संगीत निर्देशक खेमचंद प्रकाश ने किशोर को फिल्म जिद्दी (1948) के लिए “मरने की दुआएं क्यों मांगू” गाने का मौका दिया. यह गाना उस समय जबरदस्त हिट हुआ, जिसके बाद दिवंगत अभिनेता को कई अन्य प्रोजेक्ट की पेशकश की गई. इस विकास को देखते हुए, किशोर कुमार ने 1949 में मुंबई में बसने का फैसला किया.
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बंगाली ब्राह्मण गांगुली परिवार में जन्मे किशोर कुमार अभिनेता अशोक कुमार के भाई थे. जबकि गायक अपनी उल्लेखनीय गायन प्रतिभा के लिए जाने जाते हैं, आपके लिए यह जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने कभी कोई पेशेवर गायन प्रशिक्षण नहीं लिया.
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दिवंगत गायक ने हिंदी के अलावा बंगाली, हिंदी, मराठी, गुजराती, असमिया, मलयालम, उड़िया और कन्नड़ सहित कई भारतीय भाषाओं के गानों में भी अपनी आवाज दी. उन्होंने लता मंगेशकर के साथ लगभग 327 युगल गीत गाए.
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दिवंगत अभिनेता के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि वैश्विक गायक रॉबर्ट किशोर, जो किशोर कुमार को अपना आदर्श मानते थे, ने दिवंगत गायक का नाम अपने नाम के साथ जोड़ा था.
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प्रसिद्ध गीत ‘आके सीधी लागी दिल पे’ को लता मंगेशकर द्वारा गाया जाना था, लेकिन उनकी अनुपलब्धता के कारण किशोर कुमार ने इस गीत के पुरुष और महिला दोनों भागों को गाया.
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इसके अलावा, मध्य प्रदेश सरकार ने हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए किशोर कुमार पुरस्कार नामक एक नया पुरस्कार शुरू किया.
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महान संगीतकार ने चार बार शादी की. उनकी पहली पत्नी रूमा गुहा ठाकुरता थीं जिनसे उनका एक बेटा अमित कुमार है. बाद में उन्होंने अभिनेत्री मधुबाला से शादी की और योगिता बाली के निधन के बाद उन्होंने योगिता बाली से शादी कर ली. लीना चंदावरकर उनकी चौथी पत्नी थीं, जिनसे उनका एक बेटा सुमित कुमार है.
एक अजनबी हसीना से (Ek Ajnabee Haseena Se)
यह रोमांटिक नंबर 1974 में रिलीज हुई फिल्म ‘अजनबी’ से है. गाने के खूबसूरत बोल किसी को भी शरमा जाने पर मजबूर कर सकते हैं. किशोर कुमार द्वारा गाया गया यह गाना राजेश खन्ना और जीनत अमान पर फिल्माया गया था.
एक लड़की भीगी भागी सी (Ek ladki Bheegi Bhagi Si)
यह गाना 1958 में रिलीज हुई फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ का है. किशोर कुमार द्वारा गाया गया यह एक मजेदार नंबर है. गाने की बीट्स इसे एक अद्भुत डांस नंबर बनाती हैं. गाने में किशोर कुमार और मधुबाला दोनों ने ऑन प्वाइंट एक्सप्रेशन दिए हैं. यह लूप पर सुनने लायक है.
तेरे बिना जिंदगी से (Tere Bina Zindagi Se)
महान गायक किशोर कुमार और लता मंगेशकर द्वारा गाया गया यह गाना फिल्म ‘आंधी’ का है. 1975 में रिलीज़ हुआ यह मधुर गाना अपने समय का एक बड़ा हिट था. यह भावपूर्ण गाना संजीव कुमार और सुचित्रा सेन पर फिल्माया गया है. यह गाना दो लोगों की स्थिति का बखूबी वर्णन करता है, जो परिस्थितियों के कारण एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं.
चिंगारी कोई भड़के (Chingari Koi Bhadke)
1972 की फिल्म ‘अमर प्रेम’ का ट्रैक दर्शक को एक अलग दुनिया में ले जाने की ताकत रखता है. राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर पर फिल्माया गया यह गाना रात में एक नाव पर फिल्माया गया है और दोनों कलाकारों ने भावों के साथ शानदार काम किया है. किशोर कुमार की आवाज़ ने इस मधुर गीत के प्रत्येक शब्द में जान डाल दी है.
मेरे सपनों की रानी (Mere Sapno Ki Rani)
किशोर कुमार द्वारा गाया गया यह गाना 1969 में रिलीज़ हुआ था और फिल्म ‘आराधना’ से था. नंबर में दिखाया गया है कि राजेश खन्ना एक जीप में शर्मिला टैगोर का पीछा कर रहे हैं, जब वह ट्रेन में बैठी हैं. खूबसूरत बैकग्राउंड के साथ यह गाना एक प्यारा नंबर है, जिसमें दोनों कलाकार बेहद खूबसूरत लग रहे हैं. यह गाना जो भी सुनता है उसके साथ जुड़े रहने की क्षमता रखता है.