कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तरह कोलकाता नगर निगम (केएमसी) चुनाव में भी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने प्रचंड जीत हासिल की है. 144 वार्डों के लिए हुए चुनाव में 134 सीटें जीत ली है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हिस्से में 3 सीटें आयीं हैं जबकि कांग्रेस और वाम दलों को 2-2 सीटों पर जीत मिली है. अन्य दलों ने 3 सीटें जीती हैं.
इसके साथ ही विधानसभा चुनावो में प्रचंड जीत के 7 महीने बाद टीएमसी ने केएमसी पर मंगलवार को लगातार तीसरी बार कब्जा कर लिया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने ‘प्रचंड विजय’ के लिए महानगर के लोगों का आभार जताया.
ममता बनर्जी ने अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘मैं इस जीत को राज्य के लोगों और मां, माटी, मानुष को समर्पित करना चाहती हूं. भाजपा, कांग्रेस और माकपा जैसे कई राष्ट्रीय दलों ने हमारे खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे सभी हार गये. यह जीत आने वाले दिनों में राष्ट्रीय राजनीति को रास्ता दिखायेगी.’
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वार्ड-वार रुझानों के मुताबिक, भले ही टीएमसी अपनी प्रतिद्वंद्वी से काफी आगे हो और भाजपा दूसरे नंबर पर हो, लेकिन मत प्रतिशत के मामले में, अधिकतर वार्डों में वाम मोर्चा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है. अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में टीएमसी ने शहर की सभी 16 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी और भाजपा मत प्रतिशत के मामले में सभी सीटों और केएमसी वार्डों में मुख्य चुनौती के रूप में उभरी थी.
स्टेट इलेक्शन कमीशन (एसईसी) की वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, वार्ड संख्या 117 से टीएमसी प्रत्याशी अमित सिंह व वार्ड संख्या 119 से उम्मीदवार काकोली बाग विजयी रहे हैं. लोकसभा सदस्य और पांच बार की पार्षद माला रॉय अपनी वार्ड संख्या 88 से छठी बार जीती हैं. वहीं, टीएमसी विधायक और मौजूदा पार्षद देबाशीष कुमार ने भी वार्ड संख्या 85 से फतह हासिल की है.
टीएमसी विधायक और मौजूदा पार्षद अतिन घोष ने उत्तर कोलकाता के वार्ड संख्या 11 से जीत दर्ज की है. वार्ड संख्या 118 से टीएमसी के सिंह लगातार तीसरी बार विजयी रहे. कांग्रेस के संतोष पाठक और उस्मान अंसारी ने क्रमश: वार्ड संख्या 45 और 137 से जीत हासिल की है. वार्ड संख्या 22 में भाजपा की मौजूदा पार्षद और कोलकाता की पूर्व उपमहापौर मीना देवी पुरोहित लगातार छठी बार जीती हैं.
टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी ‘विशाल जनादेश’ के लिए कोलकाता के लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘कोलकाता के लोगों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बंगाल में नफरत और हिंसा की राजनीति के लिए कोई स्थान नहीं है. इतने विशाल जनादेश से हमें आशीर्वाद देने के लिए मैं सभी का धन्यवाद करता हूं. हम वास्तव में बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं और हमेशा आपकी बेहतरी के लिए अपने लक्ष्यों में प्रतिबद्ध रहेंगे. धन्यवाद कोलकाता.’
पार्टी के वरिष्ठ नेता और कोलकाता के पूर्व महापौर फिरहाद हकीम ने कहा कि यह शहर में पिछले एक दशक में पार्टी के विकास कार्यों की जीत है. हकीम ने कहा, ‘वर्ष 2010 से हमारे विकास के प्रयास इस जीत को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त थे. अभी, हम पर्यावरणीय मुद्दों सहित बेहतर नागरिक सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे. हम निकट भविष्य में शहर को कोविड मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे.’
दूसरी ओर, भाजपा ने परिणामों को ‘आतंक के शासन’ का प्रतिबिंब बताया, जिसे टीएमसी ने फैलाया था. भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह परिणाम अपेक्षित था, क्योंकि केंद्रीय बलों की अनुपस्थिति में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए थे.’
माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती को नतीजों में एक बढ़त दिखी है, क्योंकि वाम मोर्चा अधिकतर वार्डों में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है. उन्होंने कहा, ‘अगर चुनाव निष्पक्ष हुए होते, तो हमारे नतीजे बहुत बेहतर होते.’
कोलकाता नगर निगम के निवर्तमान प्रशासक फिरहाद हकीम ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जनता ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को करारा जवाब दिया है. वे विभाजनकारी राजनीति करते हैं. बीजेपी ने मुझे मिनी पाकिस्तान की संज्ञा दी थी. सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं मुस्लिम हूं. उन्हें मेरा अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है. मैं धन्यवाद देता हूं कोलकाता की जनता को, जिन्होंने सांप्रदायिक पार्टी को जवाब दे दिया है.
केएमसी के लिए चुनाव रविवार को हुआ था. इस दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आयीं थीं, जिनमें दो बूथ पर बम फेंकना शामिल है. चुनाव में 63 फीसदी मतदान हुआ था. टीएमसी केएमसी की सत्ता पर 2010 से काबिज है. उसने 2015 के चुनाव में 124 सीटें जीती थीं, जबकि वाम मोर्चा को 13 सीटें मिली थीं. भाजपा ने पांच और कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी.
Posted By: Mithilesh Jha