Loading election data...

Agra Assembly Chunav: इस ऐतिहासिक सीट पर सभी राजनीतिक दलों का रहा है कब्जा, 2017 में खिला था कमल

आगरा जिले की ऐतिहासिक नगरी फतेहपुर सीकरी को मुगल सम्राट अकबर ने बसाया था. इसे अकबर के सपनों का नगर भी कहा जाता है. पहले इसका नाम फतेहबाद था.

By Prabhat Khabar News Desk | January 26, 2022 3:48 PM

Agra Fatehpur Sikri Vidhan Sabha Chunav: आगरा जिले की फतेहपुर सीकरी को ऐतिहासिक विधानसभा सीट भी कहा जाता है. यहां पर फतेहपुर सीकरी और बुलंद दरवाजा जैसे पर्यटक स्थल मौजूद हैं. फतेहपुर सीकरी को मुगल बादशाह अकबर ने बसाया था. इस विधानसभा पर किसी भी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं रहा है. इस सीट पर 10 फरवरी को मतदान होना है.

आगरा जिले की ऐतिहासिक नगरी फतेहपुर सीकरी को मुगल सम्राट अकबर ने बसाया था. इसे अकबर के सपनों का नगर भी कहा जाता है. पहले इसका नाम फतेहबाद था. लेकिन, 1573 में अकबर ने यहीं से गुजरात फतह करने के लिए कूच किया था. गुजरात पर विजय पाकर लौटते समय उसने सीकरी का नाम फतहपुर यानी विजय नगरी रख दिया था. जिसे आज हम फतेहपुर सीकरी के नाम से जानते हैं.

फतेहपुर सीकरी का सियासी इतिहास

  • 1957- स्वामी विश्ववर्धन- प्रजा सोशलिस्ट पार्टी

  • 1962- चम्पावती- कांग्रेस

  • 1967- आर सिंह- भारतीय जनसंघ

  • 1969- रघुनाथ सिंह- भारतीय क्रांति दल

  • 1974- चम्पावती- कांग्रेस

  • 1977- बदन सिंह- जनता पार्टी

  • 1980- बदन सिंह- जनता पार्टी

  • 1985- बदन सिंह- लोकदल

  • 1989- बदन सिंह- जनता दल

  • 1991- उम्मेद सिंह- बीजेपी

  • 1996- चौ. बाबूलाल- निर्दलीय

  • 2002- चौ. बाबूलाल- लोकदल

  • 2007- सूरजपाल सिंह- अपना दल

  • 2012- सूरज पाल सिंह- बीएसपी

  • 2017- चौधरी उदयभान सिंह- भाजपा

Also Read: Agra Assembly Chunav: वैश्य राजधानी कही जाती है आगरा उत्तर विधानसभा सीट, 2019 के उपचुनाव में भी जीती BJP
फतेहपुर सीकरी के मौजूदा विधायक

फतेहपुर सीकरी से 2017 के विधानसभा चुनाव बीजेपी ने चौधरी उदयभान सिंह ने जीत हासिल की है.

जातिगत आंकड़े (अनुमानित)

  • जाट- 90 हजार

  • ब्राह्मण- 60 हजार

  • जाटव- 45 हजार

  • क्षत्रिय- 40 हजार

  • मुस्लिम- 30 हजार

फतेहपुर सीकरी सीट के मतदाता

  • कुल मतदाता- 3.55 लाख

  • पुरुष- 1.91 लाख

  • महिला- 1.64

  • नए वोटर- 10 हजार

फतेहपुर सीकरी की जनता के मुद्दे

  • महुअर गांव विकास के लिए मोहताज है.

  • गांव में पेयजल का भारी संकट है.

  • गांव की गलियां कीचड़ से भरी रहती है.

(इनपुट- राघवेंद्र सिंह गहलौत, आगरा)

Next Article

Exit mobile version