Loading election data...

UP Chunav 2022: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की भूमि पर फिर खिलेगा कमल? अब तक ऐसे रहे हैं नतीजे

बरौली विधानसभा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहनलाल गौतम के नाम से जानी जाती है. मोहनलाल गौतम शुरू के 1952, 1957 में कांग्रेस से विधायक बने. सुरेंद्र सिंह चौहान चार बार कांग्रेस से विधायक बने.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2022 5:46 PM

UP Chunav 2022: बरौली उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. 2017 में भाजपा के दलवीर सिंह विधायक चुने गए थे. इस बार बरौली विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है. बरौली विधानसभा सीट पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान है.

बरौली विधानसभा का इतिहास

  • 1974 में बरौली विधानसभा में पहला चुनाव हुआ था.

  • स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहनलाल गौतम लगातार दो बार चुनाव जीते.

  • इस सीट के ज्यादातर विधायक प्रदेश में मंत्री बने हैं.

  • आखिरी बार 1993 में भाजपा के मुनीष गौड़ बरौली से जीते थे.

  • जयवीर सिंह और दलवीर सिंह भी चुनाव जीतकर मंत्री बने.

  • 2012 में रालोद से दलवीर सिंह ने बसपा के जयवीर सिंह को हराया था.

  • 2017 में भाजपा के दलवीर सिंह ने बसपा के जयवीर सिंह को शिकस्त दी.

Also Read: UP Chunav 2022: खैर विधानसभा सीट पर 2017 में बीजेपी का रहा बोलबाला, इस बार क्या होंगे नतीजे?
बरौली सीट के मौजूदा विधायक

  • बरौली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दलवीर सिंह 76 साल के हैं. वो बीए और बीएड हैं.

बरौली के जातिगत समीकरण

  • यहां लोध, ब्राह्मण, ठाकुर और मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है.

बरौली सीट के मतदाता

  • कुल मतदाता- 3,79,204

  • पुरुष- 2,01,377

  • महिला- 1,77,786

  • अन्य- 41

बरौली विधानसभा सीट की पहचान

बरौली विधानसभा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहनलाल गौतम के नाम से जानी जाती है. मोहन लाल गौतम शुरू के 1952, 1957 में कांग्रेस से विधायक बने. सुरेंद्र सिंह चौहान चार बार कांग्रेस से विधायक बने.

बरैली विधानसभा की जनता के मुद्दे

  • साथा चीनी मिल के बंद रहने और नई चीनी मिल की स्थापना की किसान मांग कर रहे हैं.

  • जेके सीमेंट फैक्ट्री के अलावा कोई और बड़ी इंडस्ट्री नहीं हैं.

  • अलीगढ़, दिल्ली, नोएडा, हरियाणा की ओर रोजगार के लिए युवा पलायन करते हैं.

  • कोई सरकारी डिग्री कॉलेज भी नहीं है.

  • मेडिकल कॉलेज या कोई बड़ा सरकारी हॉस्पीटल भी नहीं है.

Next Article

Exit mobile version