Etawah Assembly Chunav: इटावा के ब्राह्मण मतदाता के आसरे दोबारा खिलेगा कमल? यहां पढ़ें चुनावी इतिहास

इटावा सीट पर 1993 से लेकर 2017 तक सपा का कब्जा रहा है. इटावा के सैफई गांव के पहलवान मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश के राजनीतिक दिग्गजों को चुनावी मैदान में पछाड़ा.

By Prabhat Khabar News Desk | January 28, 2022 7:17 PM
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Etawah Vidhan Sabha Chunav: उत्तर प्रदेश के इटावा की पहचान धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के रूप में है. यह पर्यटन के लिहाज से भी खास जगह है. इटावा की लॉयन सफारी बनकर तैयार है. इटावा सदर सीट की बात करें तो यह समाजवादी पार्टी का गढ़ है. इस सीट पर 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी की सरिता भदौरिया ने सपा के कुलदीप गुप्ता संतू को हराया था. इटावा सदर विधानसभा सीट पर 20 फरवरी को मतदान होने हैं. नतीजों का ऐलान 10 मार्च को किया जाएगा.

सियासी किताब में इटावा को सपा के सबसे बड़े गढ़ के रूप में अंकित किया गया. यहां कभी साइकिल चला करती थी. लेकिन, 2017 के चुनाव में साइकिल को पीछे करते हुए इटावा सदर सीट पर कमल का फूल खिल गया. इटावा सीट पर 1993 से लेकर 2017 तक सपा का कब्जा रहा है. इटावा के सैफई गांव के पहलवान मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश के राजनीतिक दिग्गजों को चुनावी मैदान में पछाड़ा.

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इटावा सीट का सियासी इतिहास

  • 2017- सरिता भदौरिया- भाजपा

  • 2012- रघुराज सिंह शाक्य- सपा

  • 2007, 2002- महेंद्र सिंह राजपूत- सपा

  • 1996- जयवीर सिंह भदौरिया- भाजपा

  • 1993- जयवीर सिंह भदौरिया- सपा

  • 1991- अशोक दुबे- भाजपा

  • 1989- सुखदा मिश्रा- जेडी

  • 1985- सुखदा मिश्रा- कांग्रेस

  • 1980- सुखदा मिश्रा- इंक (आई)

  • 1977- सत्यदेव त्रिपाठी- जेएनपी

इटावा की मौजूदा विधायक

  • 2017 में सपा के गढ़ में बीजेपी की सरिता भदौरिया ने कमल फूल खिलाया था.

जातिगत आंकड़े (अनुमानित)

  • ब्राह्मण- 55 हजार

  • यादव- 48 हजार

  • कुशवाहा- 42 हजार

  • मुस्लिम- 35 हजार

  • पाल- 30 हजार

  • जाटव- 50 हजार

इटावा विधानसभा में मतदाता

  • कुल मतदाता- 4,03,628

  • पुरुष- 2,16,452

  • महिला- 1,87,171

  • अन्य- 5

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