UP Chunav 2022: नोएडा में BJP का हमेशा रहा दबदबा, इस बार विधानसभा चुनाव में कितने बदलेंगे नतीजे?

उत्तर प्रदेश का नोएडा विधानसभा 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया. नोएडा विधानसभा सीट शुरू से ही बीजेपी का गढ़ रही है. यहां से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह मौजूदा विधायक हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 23, 2022 7:03 PM
an image

UP Chunav 2022: उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी नोएडा को कहा जाता है. यह दिल्ली का दरवाजा है और दिल्ली-एनसीआर का सबसे अहम हिस्सा भी है. उत्तर प्रदेश का नोएडा विधानसभा 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया. नोएडा विधानसभा सीट शुरू से ही बीजेपी का गढ़ रही है. यहां से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह मौजूदा विधायक हैं. पहले नोएडा सीट दादरी विधानसभा में थी. इस सीट पर पहले चरण में 10 फरवरी को मतदान है. यहां 10 मार्च को काउंटिंग है.

नोएडा विधानसभा का सियासी इतिहास

  • 2012 में परिसीमन के बाद पहली बार बीजेपी के डॉ. महेश शर्मा विधायक बने थे.

  • 2014 में डॉ. महेश शर्मा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सीट खाली हुई थी.

  • उपचुनाव में भाजपा की विमला बाथम ने जीत दर्ज की थी.

  • इस सीट पर 2017 के पंकज सिंह ने कब्जा जमाया था.

  • पिछले तीन चुनावों में नोएडा सीट से बीजेपी ने जीत हासिल की है.

Also Read: UP Chunav 2022: मिनी हरिद्वार में किसे मिलेगा ‘गंगा स्नान’ का लाभ? यहां पढ़ें सियासी अंकगणित में जीत-हार
नोएडा विधानसभा का मौजूदा विधायक

  • 2017 के विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह ने डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी को करीब 58 हजार वोट मिले थे.

नोएडा विधानसभा का जातिगत समीकरण

  • नोएडा विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा ब्राह्मण वोटर हैं.

  • ठाकुर और गुर्जर मतदाताओं की संख्या भी काफी ज्यादा है.

नोएडा विधानसभा में मतदाताओं की संख्या

  • कुल मतदाता- 6,90,231

  • पुरुष- 3,91,460

  • महिला- 2,98,764

  • अन्य- 7

नोएडा में जातिगत वोटर्स की अनुमानित संख्या

  • ब्राह्मण- 1.3 लाख

  • बनिया- 1.1 लाख

  • मुस्लिम- 70 हजार

  • यादव- 40 हजार

  • गुर्जर- 35 हजार

  • ठाकुर- 25 हजार

नोएडा विधानसभा के मतदाताओं के मुद्दे

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, फिल्म सिटी जैसी योजनाओं के विस्थापितों की समस्याएं जारी हैं.

  • किसानों और प्राधिकरण के बीच टकराव जारी है.

Exit mobile version