UP Election 2022: मिर्जापुर के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक चुनार है. चुनार मिर्जापुर जिले की ही नहीं उत्तर प्रदेश की भी बेहद अहम सीट मानी जाती है. इसकी गिनती पुराने शहरों में की जाती है. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या सात चुनार से होकर गुजरती है. चुनार मिट्टी के बर्तनों के काम के लिए और मिट्टी के खिलौनों के लिए खास तौर से जाना जाता है. चुनार की खूबियों की बात करें तो ये पर्यटकों को लुभाने में खास स्थान है. यहां प्राकृतिक नजारे और चुनार का किला देखने पर्यटक आते हैं. चुनार विधानसभा की राजनीति भी काफी दिलचस्प है. आइए जानते हैं इस सीट के हर पहलू को.
चुनार विधानसभा सीट से विधायक अनुराग सिंह भाजपा के नेता ओम प्रकाश सिंह के बेटे हैं. उन्होंने 2017 में चुनार विधानसभा सीट छोड़ कर अपने बेटे अनुराग सिंह को टिकट दिलाया. 2017 में भाजपा से अनुराग सिंह ने 1,05,6082 मतों के साथ सपा के जगदम्बा सिंह पटेल को हराया था. 2012 का विधानसभा चुनाव जगदंबा सिंह सपा के टिकट पर जीते थे. 2007 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश सिंह भारतीय जनता पार्टी से जीते थे. 2002 में भी ओम प्रकाश सिंह ने भारतीय जनता पार्टी से जीत दर्ज की थी.
इस क्षेत्र में कुर्मी मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 1,20,000 है. चुनार विधानसभा सीट अनुप्रिया पटेल का गढ़ भी माना जाता है. कुर्मी मतदाताओं के बाद दूसरे स्थान पर दलित और अनुसूचित जाति के लोग हैं. इनकी संख्या भी लगभग 1 लाख के आस-पास है.
चुनार किले के साथ ही अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला पॉटरी उद्योग अब समाप्ति के कगार पर है. पॉटरी उद्योग से बन रहे बर्तन और खिलौना पूरे देश में जाना जाता था, लेकिन जनप्रतिनिधियों के वजह से अब यह भी अंतिम सांस गिन रहा है. चुनार विधानसभा का सबसे अधिक व्यवसाय कृषि है. दो साल से अब आलू गोदाम भी यहां का मुद्दा बन गया है.