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बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय को वापस बुलाने का क्या है कलाईकुंडा कनेक्शन?

कलाईकुंडा में मीटिंग की जगह बदलने, उसमें राज्यपाल, भाजपा नेताओं की मौजूदगी पर ममता को थी आपत्ति.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय को वापस बुलाने के मुद्दे पर तकरार मची है. इस बीच, इस मुद्दे का कलाईकुंडा कनेक्शन भी सामने आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गयी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पांच पन्ने की चिट्ठी पर गौर करने पर पता चलता है कि केंद्र और राज्य की लड़ाई और आलापन बनर्जी के ट्रांसफर में कलाईकुंडा का एंगल बहुत महत्वपूर्ण हो गया है.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें कलाईकुंडा का प्रसंग है. ममता दी ने कहा है कि मुझे आशा है कि नवीनतम आदेश (मुख्य सचिव का तबादला दिल्ली करने का) और कलाईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी मुलाकात का कोई लेना-देना नहीं है.

तीन महीने का सेवा विस्तार देने के बाद आलापन बनर्जी को वापस बुलाये जाने के पूरे प्रकरण को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या इस फैसले का 28 मई को पश्चिमी मेदिनीपुर जिला के कलाईकुंडा में प्रधानमंत्री के साथ उनकी और मुख्य सचिव की बैठक से कोई संबंध है.

उन्होंने कहा, मुझे वास्तव में आशा है कि यह नवीनतम आदेश कलाईकुंडा में मेरी आपके साथ हुई बैठक से संबंधित नहीं है. अगर यह कारण है, तो यह दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण और गलत प्राथमिकताओं के लिए जनहित का त्याग करने सरीखा होगा.

ममता बनर्जी ने लिखा है कि मैं सिर्फ आपसे बात करना चाहती थी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच आमतौर पर जिस तरह से बैठक होती है, उसी तरह से. लेकिन, आपने अपने दल के एक स्थानीय विधायक को भी इस दौरान बुला लिया, जबकि प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री की बैठक में उपस्थित रहने का उनका कोई मतलब नहीं है.

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ममता बनर्जी ने ये बातें अपनी उस चिट्ठी में लिखी है, जिसके जरिये तृणमूल सुप्रीमो ने पीएम मोदी से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार बंगाल के मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय के तबादले के आदेश को वापस ले. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य सचिव को कार्यमुक्त करने से इनकार कर दिया है.‌ ममता ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार ऐसे मुश्किल दौर में अपने मुख्य सचिव को कार्यमुक्त नहीं कर सकती है.

ममता बनर्जी ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि केंद्र का आदेश राज्य के हितों के विरुद्ध है और इसकी वजह से मुख्य सचिव ने हाल ही में निजी तौर पर पीड़ा सही है, लेकिन फिर भी वह अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई को आलापन बंद्योपाध्याय की सेवाएं मांगी थी और राज्य सरकार को प्रदेश के शीर्ष नौकरशाह को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा था.

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1987 बैच के आईएएस हैं आलापन बंद्योपाध्याय

पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी आलापन बंद्योपाध्याय 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले थे. बहरहाल, उन्हें केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद तीन माह का सेवा विस्तार दिया गया था. केंद्र सरकार ने 28 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखकर अलापन को मुक्त करने का अनुरोध किया था. अलपन को 31 मई की सुबह 10 बजे पहले से रिपोर्ट करने को कहा था.

उल्लेखनीय है कि यश चक्रवात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं हुईं थीं. मुख्य सचिव भी स्वागत के लिए नहीं पहुंचे थे. इसके बाद उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुला लिया गया.

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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि यश चक्रवात के बाद प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के लिए बंगाल दौरे पर आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश की मुखिया ममता बनर्जी की बैठक की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी का माहौल बन गया. इसके बाद आलापन बंद्योपाध्याय के तबादले का आदेश जार हुआ. इस आदेश को कलाईकुंडा में ममता और मोदी के बीच के विवाद से ही जोड़कर देखा जा रहा है.

Posted By: Mithilesh Jha

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