Kharmas 2021: खरमास 14 दिसंबर 2021 से शुरू हो रहा है. और 14 जनवरी 2022 को समाप्त हो जाएगा. खरमास के करीब एक महीने के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी. ज्योतिष अनुसार खरमास के दिनों को अशुभ फल देने वाला माना गया है इसलिए इनदिनों में शुभ फलों की प्राप्ति और कष्ट के निवारण के लिए खास धार्मिक उपाय करने की सलाह दी जाती है. आगे पढ़ें शुभ फलों की प्राप्ति के लिए इन दिनों में कौन से उपाय करने चाहिए.
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14 दिसंबर 2021 मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू हो रहा खरमास.
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मकर संक्रांति 14 जनवरी 2022 पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन खरमास का समाप्त हो जाएगा.
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मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा.
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मकर संक्रांति का विशेष धार्मिक महत्व होता है.
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इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
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सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही मांगलिक और शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे.
खरमास के दिनों में नकारात्मकता दूर करने और कष्टों के निवारण के लिए कुछ आसान से उपाय बताए गए हैं. इनदिनों में पूजा-पाठ धर्म-कर्म, मंत्र जाप, भागवत गीता, श्रीराम की कथा, पूजा, कथावाचन, और विष्णु भगवान की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है.
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दान, पुण्य, जप, और भगवान का ध्यान लगाने से कष्ट दूर हो जाते हैं.
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इस मास में भगवान शिव की आराधना करने से कष्टों का निवारण होता है.
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शिवजी के अलावा खरमास में भगवान विष्णु की पूजा भी फलदायी मानी जाती है.
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खरमास के महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है.
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ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर तांबे के लोटे में जल, रोली या लाल चंदन, शहद लाल पुष्प डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए. ऐसा करना बहुत शुभ फलदायी होता है.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, जब खरमास या मलमास लगता है तो उस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी पड़ जाती है इसलिए इस दौरान किया गया कोई भी कार्य शुभ फल प्रदान नहीं करता है. यही वजह है कि बड़े शुभ कार्य इनदिनों में स्थगित कर दिए जाते हैं.