Koderma Medical College News : झारखंड के कोडरमा मेडिकल कॉलेज के ड्रीम प्रोजेक्ट पर असुरक्षा का साया, उपायुक्त को पत्र लिखकर की ये मांग
Koderma Medical College News, Jharkhand News, कोडरमा (विकास) : तमाम अवरोधों व लेटलतीफी से मेडिकल कॉलेज करमा, कोडरमा के निर्माण का सपना जल्द पूरा होने की आस नहीं है. इस बीच मेडिकल कॉलेज के ड्रीम प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने से पहले सुरक्षा का मसला सामने आ गया है. निर्माण कार्य करा रही कंपनी सिम्पलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने निर्माण कार्य को लेकर सुरक्षा की मांग के साथ उपायुक्त के नाम एक पत्र लिखा है. पत्र में स्थानीय लोगों के द्वारा काम, रोजगार आदि के नाम पर डराने-धमकाने की शिकायत की गयी है.
Koderma Medical College News, Jharkhand News, कोडरमा (विकास) : तमाम अवरोधों व लेटलतीफी से मेडिकल कॉलेज करमा, कोडरमा के निर्माण का सपना जल्द पूरा होने की आस नहीं है. इस बीच मेडिकल कॉलेज के ड्रीम प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने से पहले सुरक्षा का मसला सामने आ गया है. निर्माण कार्य करा रही कंपनी सिम्पलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने निर्माण कार्य को लेकर सुरक्षा की मांग के साथ उपायुक्त के नाम एक पत्र लिखा है. पत्र में स्थानीय लोगों के द्वारा काम, रोजगार आदि के नाम पर डराने-धमकाने की शिकायत की गयी है.
कंपनी के अनुसार इस वजह से काम प्रभावित भी होता है और प्रोग्रेस भी नहीं हो रहा है. इस नए मोड़ के बीच प्रथम फेज में मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर हस्तांतरित की गई करीब 30 एकड़ जमीन की बजाय पूरे 69.84 एकड़ जमीन में चाहरदीवारी देने को स्वीकृति मिल गई है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ पार्वती कुमारी नाग ने झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंधक सह कार्यपालक अभियंता कोडरमा को पत्र लिखकर स्वीकृति दी है. यह स्वीकृति निगम के ईई के उस पत्र के आधार पर दी गई है जिसमें उन्होंने चाहरदीवारी नहीं होने से भूमि पर अतिक्रमण किए जाने, खाली भवन का दरवाजा, खिड़की, ईंट निकाल कर ले जाने की जानकारी दी थी. इस पत्र के बाद यह साफ हो गया है कि मेडिकल कॉलेज के अधीन पूरी जमीन रहेगी और श्रम कल्याण मंत्रालय के कार्यालय अन्यत्र शिफ्ट होंगे.
वर्तमान में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के सामने की करीब बीस एकड़ जमीन के कुछ हिस्से में कार्यालय, बैंक आदि संचालित हो रहा हैं. यह भी जानकारी सामने आई है कि पहले मात्र 30 एकड़ जमीन पर चाहरदीवारी निर्माण को लेकर सात करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया गया था. इसके आधार पर कार्य भी शुरू हो गया था, पर निगम के ईई अमित कुमार ने इसे ध्यान से देखा तो सुधार कर नया एस्टीमेट तैयार किया. अब मात्र साढ़े छह करोड़ रुपये के एस्टीमेट में कुल 69.84 एकड़ जमीन पर चाहरदीवारी की जाएगी. दूसरी तरफ कॉलेज के दाईं तरफ से कॉमर्स कॉलेज तक जाने के लिए करमा गांव से सटे हिस्से से रास्ता ग्रामीणों के लिए दिया जाएगा.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज का निर्माण करीब 319 करोड़ रुपये की लागत से होना है. 23 सितंबर 2018 को पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्माण कार्य का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. 100 सीट व 300 बेड के अस्पताल निर्माण कार्य को लेकर निर्माण कंपनी के साथ दो अगस्त 2019 को करार किया गया. तय टाइम लाइन के अनुसार निर्माण कार्य सात जनवरी 2022 तक पूरा करना है, पर अब तक मात्र 5.85 प्रतिशत ही काम हो सका है. शुरुआत में काम की गति काफी धीमी रही.
पिछले कुछ माह में कार्य की रफ्तार बढ़ी है, पर कुछ अवरोध की वजह से यह भी बाधित हो जा रहा है. प्रोजेक्ट के तहत मेडिकल कॉलेज परिसर में मुख्य भवन के अलावा ग्लर्स व ब्वाइज हॉस्टल, गेस्ट हाउस, स्टाफ क्वार्टर टाइप थ्री, फॉर, फाइव, ऑडिटोरियम, कम्यूनिटी सेंटर, सर्विस ब्लॉक, डीन रेसीडेंस, बाउंड्री वाल, 300 बेड का अस्पताल सदर अस्पताल में अपग्रेडेशन का कार्य होना है. इसमें मुख्य भवन के निर्माण को लेकर 15 फीसदी तो गर्ल्स हॉस्टल के लिए 17, ब्वाइज के लिए तीन, स्टाफ क्वार्टर टाइप थ्री का 17, फॉर का 14, फाइव का 12, ऑडिटोरियम का सात, चाहरदीवारी का दो फीसदी काम ही हुआ है.
कम्युनिटी सेंटर, सर्विस ब्लॉक, डीन रेसीडेंस के निर्माण को लेकर अभी काम ही नहीं हुआ है. सदर अस्पताल में तीन सौ बेड अपग्रेडेशन को लेकर भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है. दूसरे फेज में दो सौ बेड का अतिरिक्त अस्पताल तैयार करने की भी बात है. इधर, कार्य की सुस्त रफ्तार को लेकर निजी कंपनी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते रहे हैं. हाल में मजदूरी भुगतान नहीं होने के मसले को लेकर प्रदर्शन हुआ था. बाद में किसी तरह मामले को शांत किया गया था.
झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड के कार्यपालक अभियंता अमित कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज करमा कोडरमा के निर्माण में गति आए इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है. भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को देखते हुए 69.84 एकड़ जमीन पर चाहरदीवारी निर्माण की स्वीकृति मिल गई है. सुरक्षा का मसला अलग है. मैंने अगस्त 2020 में यहां योगदान दिया है. इसके बाद से कार्य की गति बढ़ी है. आने वाले समय में अगर अवरोध नहीं आया तो कार्य में तेजी आएगी.
Posted By : Guru Swarup Mishra