कोडरमा SDO मनीष कुमार अलग भूमिका में दिखे, टीचर बन कर बच्चों को दे रहे हैं शिक्षा
Jharkhand News, Koderma News, कोडरमा : कोडरमा SDO व IAS ऑफिसर मनीष कुमार इन दिनों जिले में अलग भूमिका में दिख रहे हैं. प्रशासनिक सख्ती के साथ ही वे एक गुरु की भूमिका में नजर आ रहे हैं. वे इन दिनों समय निकाल कर सरकारी स्कूलों में पहुंच रहे हैं और बच्चों की क्लास ले रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बकायदा मिशन ज्ञान दान की शुरुआत की है. अपने इस अभियान में वे कार्यालय के कर्मियों एवं अन्य को भी जोड़ने की तैयारी में हैं, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ प्रोत्साहन मिल सके.
Jharkhand News, Koderma News, कोडरमा : कोडरमा SDO व IAS ऑफिसर मनीष कुमार इन दिनों जिले में अलग भूमिका में दिख रहे हैं. प्रशासनिक सख्ती के साथ ही वे एक गुरु की भूमिका में नजर आ रहे हैं. वे इन दिनों समय निकाल कर सरकारी स्कूलों में पहुंच रहे हैं और बच्चों की क्लास ले रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बकायदा मिशन ज्ञान दान की शुरुआत की है. अपने इस अभियान में वे कार्यालय के कर्मियों एवं अन्य को भी जोड़ने की तैयारी में हैं, ताकि अधिक से अधिक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ प्रोत्साहन मिल सके.
अपने ज्ञान दान अभियान के तहत SDO अब तक सुदुरवर्ती उत्क्रमित हाई स्कूल, मेघातरी के अलावा उत्क्रमित हाई स्कूल पत्थलडीहा, परियोजना बालिका उच्च विद्यालय कोडरमा में पहुंच चुके हैं. इन स्कूलों में उन्होंने बकायदा बच्चों की पाठशाला लगाकर उन्हें शिक्षा देने के साथ ही लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.
जानकारी के अनुसार, मेघातरी स्थित स्कूल में पहुंचकर SDO ने एक शिक्षक की भूमिका में बच्चों को गणित, अंग्रेजी, भूगोल व हिंदी पढ़ाया. उन्होंने बच्चों से गणित के कई प्रश्न पूछे जिस पर बच्चों ने सटीक जवाब भी दिया. SDO श्री कुमार ने बच्चों को पढ़ाने के क्रम में कई ऐसे उदाहरण दिये, जिससे बच्चों को चीजों को समझने में आसानी हो.
उन्होंने देखा कि बच्चों का अनुभव बहुत अच्छा है. बच्चों ने अपनी-अपनी परेशानियां भी बतायी, जिस पर उन्होंने कुछ उदाहरण देकर कहा कि हमें अपनी परेशानियों को सफलता में बदलने की ताकत बननी होगी. जिंदगी में कुछ चीजें हमें रोज मिलती है, जो शिक्षा देने का काम करती है. बच्चों की प्रतिभा देकर SDO ने मौजूद शिक्षकों को कहा कि हर विषय को सरल तरीके से समझाने के लिए कुछ न कुछ प्रयोग कर समझाएं, जिससे बच्चे आसानी से पढ़ाई को समझ सकें.
उन्होंने कहा कि ज्ञान दान महादान होता है. इसे बांट कर बच्चों का भविष्य बेहतर बनायें. उन्होंने शिक्षकों को आउटडोर गतिविधियों पर विशेष जोर देने की भी बात कही, ताकि बच्चों का संपूर्ण विकास हो सके. इसके अलावा बच्चों को आगामी परीक्षा के लिए मन से पढ़ाई करने के साथ- साथ बेहतर अंक प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया.
उन्होंने बच्चों से अपील की कि अपने अभिभावक और शिक्षकों के साथ सदैव उदार भावना रखें और पढ़ाई में रुचि रखते हुए मेहनत और लगन से पढ़ाई करें. मौके पर सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार एवं विद्यालय के टीचर्स मौजूद थे.
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मुंबई के धरावी में झुग्गी- झोपड़ी वालों के बीच सक्रिय रहे हैं मनीष
SDO मनीष कुमार ने बताया कि जब मैं मुंबई में नौकरी करता था, उस दौरान धरावी के झुग्गी- झोपड़ी में रहने वालों बच्चों से अक्सर मिला करता था. हम उन्हें ज्ञान दान के बारे में बताया करते थे. वहां के अति पिछड़े बच्चों को पढ़ाकर उनके उज्जवल भविष्य बनाने के लिए हमेशा प्रयास किया. बच्चों को पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के साथ-साथ क्लास से संबंधित विषयों की जानकारी दी, ताकि उनका विकास हो सके. अब चूंकि मैं सरकारी सेवा में आ चुका हूं, तो समय निकाल कर शिक्षा से वंचित बच्चों तक पहुंच रखने का प्रयास कर रहा हूं. यह अभियान आगे भी जारी रहेगा.
Posted By : Samir Ranjan.