ममता सरकार ने आदिवासी वोट में सेंध मारने की बनायी रणनीति, सदन में लाने वाली है सरना धर्म कोड का प्रस्ताव

आदिवासियों की लंबे समय से चली आ रहीं मांगों के अनुपालन में सारी और सरना धर्म कोड को स्वीकार करने के लिए सरकार इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 17, 2023 1:49 PM
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पंचायत चुनाव में आदिवासी वोट बैंक को अपने नाम करने के लिए ममता सरकार अब एक नयी योजना बना रही है. राज्य सरकार ने आदिवासियों के सारी और सरना धर्म कोड अब को मान्यता देने की योजना बना रही है. इसके लिए राज्य सरकार विधानसभा में शुक्रवार को एक प्रस्ताव लायेगी. विधानसभा से इन दोनों धर्म कोड को मान्यता देने का प्रस्ताव पारित किया जायेगा. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने मंगलवार को ही विधानसभा में कार्यसूची समिति की बैठक के बाद इस प्रस्ताव की घोषणा किये थे. अब शुक्रवार को विधानसभा में इस प्रस्ताव को पेश किया जायेगा.

आदिवासी लंबे समय से कर रहे हैं मांग :

आदिवासियों की लंबे समय से चली आ रहीं मांगों के अनुपालन में सारी और सरना धर्म कोड को स्वीकार करने के लिए सरकार इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करेगी. आदिवासी इस धर्म के अनुयायी हैं, लेकिन वे अपने को सनातन मानते हैं, इसलिए राज्य सरकार आदिवासियों की मांगों को स्वीकार कर उन्हें मान्यता देना चाहती है.

बंगाल के अधिकांश आदिवासी वोट बैंक भाजपा के पास :

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल के अधिकांश आदिवासी वोट बैंक पर भाजपा का कब्जा था. लेकिन विधानसभा चुनाव में तृणमूल को कुछ सफलता मिली. पिछले साल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वालीं द्रौपदी मुर्मू को केंद्र की मोदी सरकार ने देश का राष्ट्रपति नियुक्त किया है.

इसके बाद से ही गेरुआ खेमे ने मान लिया है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में देश के अलग-अलग हिस्सों से आदिवासियों के वोट उनके हाथ आने वाले हैं. इसे देखते हुए, कहा जा रहा है कि राज्य सरकार राजनीतिक फायदे के लिए आदिवासी समुदाय के सरना धर्म कोड को मान्यता देने की कोशिश कर रही है. हालांकि, तृणमूल विधायक दल का दावा है कि उसका वोट की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है.

कैसी होगी भाजपा की भूमिका

विधानसभा में भाजपा के सचेतक मनोज तिग्गा ने बताया कि इस काफी संवेदनशील मुद्दा है. इस पर बोलने से पहले काफी विचार करने होगा. उक्त प्रस्ताव पर हमे कैसे बोलना है इसके लेकर नेता प्रतिपक्ष के साथ गुरुवार की रात भाजपा विधायकों की बैठक भी हुई. वहीं, इस विषय को लेकर मनोज तिग्गा रांची की मेयर आशा लकड़ा से भी इस विषय पर चर्चा कर चुके हैं. कुल मिला कर शुक्रवार को भाजपा ना ही इस प्रस्ताव का विरोध करेगी और ना ही समर्थन. काफी सावधानी के साथ भाजपा के विधायक अपनी बातों को रखेंगे. इस विषय विधानसभा में मनोज तिग्गा भी अपनी बात रखेंगे.

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