दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देख चिंताएं बढ़ी गयी हैं. जो लोग कोलकाता (Kolkata) शहर में बैठकर दिल्ली केे प्रदूषण की खबरों पर नजर रख रहे हैं, वे यह न भूलें कि अब महानगर भी जहरीली हवा में डूबता जा रहा है. रविवार को कोलकाता दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में तीसरे स्थान पर था. विशेषज्ञों का मानना है कि काली पूजा से पहले प्रदूषण और बढ़ सकता है. इस बाबत कोलकाता नगर निगम सक्रिय हो गया है. मेयर फिरहाद हकीम ने बताया कि कोलकाता को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है.
महानगर के बड़ी सड़कों पर स्प्रिंकलर के जरिए जल छिड़काव किया जायेगा. साथ ही पार्कों में पेड़-पौधों पर भी जल छिड़काव किया जायेगा. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को सक्रियता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया गया है. ताकि लोग जहां-तहां सड़कों पर आग न जला सकें. इस पर पुलिस को भी नजर रखने को कहा गया है. मेयर ने कहा कि कोलकाता में बढ़ते प्रदूषण का स्तर हम सभी के लिए चिंता का विषय हैं. निगम गंभीरता के साथ महानगर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कार्य करेगा.
Also Read: West Bengal :देव दीपावली पर 10 हजार दीपों से जगमग होगा बाजे कदमतल्ला घाट, ममता बनर्जी को भी किया गया आमंत्रित
रविवार को भारत और साउथ अफ्रीका मैच के बाद महानगर की वायु गुणवत्ता आइक्यू 200 से अधिक रही. पर्यावरणविदों के लिए यह चिंता का विषय है. यदि काली पूजा के दौरान वायु प्रदूषण की स्थिति यह है तो 11 नवंबर को फिर से इडेन में मैच है और 12 और 13 को दिवाली मनायी जायेगी. उसके बाद यहां की स्थिति क्या होगाी. पर्यावरणविद् सोमेंद्र मोहन घोष का कहना है कि राज्य में ग्रीन पटाखे बनाने का लाइसेंस मात्र दक्षिण 24 परगना में एक स्थान पर है और पूरे राज्यभर में कहीं भी ग्रीन पटाखे नहीं बनाये जाते हैं. ऐसे में यंहा पर अवैध पटाखे चोरी-छिपे बिक रहे हैं. जो प्रदूषण का कारण बनते हैं.
Also Read: ममता बनर्जी के विजया सम्मेलन में सुकांत मजूमदार व दिलीप घोष आमंत्रित, सूची में शुभेंदु अधिकारी का नाम नहीं
पुलिस को इस विषय पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है. साथ ही उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक नोटिस जारी किया है, जिसके अनुसार साइलेंट जोन यानि अस्पतालों, कोर्ट परिसर व शैक्षणिक संस्थानों के 100 किमी के दायरे में ग्रीन पटाखे भी न जलाये जाएं. इस पर नियंत्रण की जिम्मेदारी पुलिस को सौंपी गयी है. श्री घोष ने कहा कि पूरे राज्यभर में कई साइलेंट जोन हैं. पुलिस ने साइलेंट जोन की सूची जारी करनी चाहिए. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए यह जरूरी है. ताकि बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और जानवरों को प्रदूषण से बचाया जा सके.
Also Read: मनरेगा की बकाया राशि देने में देरी के लिए जान-बूझकर गलत सूचना फैलायी जा रही : ममता बनर्जी