कॉलेज में फटी जींस पहनकर आने की अनुमति नहीं, बॉन्ड लिखवाकर छात्रों को दिया जा रहा दाखिला
कॉलेज प्रशासन का दावा है कि एक साल पहले नोटिस देने के बावजूद कुछ छात्रों ने इस मामले पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.अथॉरिटी की गाइडलाइन को ठेंगा दिखाते हुए वह टोर्न जींस पहनकर कॉलेज आते रहे,इसलिए प्रवेश के समय यह एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है.
रिप्ड जींस या टोर्न (फटी हुई) जींस वर्तमान पीढ़ी की पसंद की सूची में सबसे ऊपर रहती है. ऐसी टोर्न जीन्स पहनकर कॉलेज में प्रवेश करने की छात्रों को अनुमति नहीं है. एजेसी बोस कॉलेज द्वारा जारी नये नोटिस में छात्रों को फिर इस तरह की चेतावनी दी गयी है. यह जानकारी देते हुए एजेसी बोस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ पूर्णोचंद्र माइती ने बताया कि फटी जींस पहनकर कॉलेज नहीं आने का नोटिस एक साल पहले भी दी गयी थी, लेकिन छात्र इसका पालन नहीं कर रहे थे. इस पर अंकुश लगाने व कॉलेज के सभी नियमों का पालन करने की हिदायत के साथ एक एफीडेविट छात्रों से साइन करके लिया जा रहा है.
रैगिंग की घटना के बाद विशेष सतर्कता बरती जा रही है
हाल ही की रैगिंग की घटना के बाद विशेष सतर्कता बरती जा रही है. उनका कहना है कि जारी किये गये नोटिस में छात्रों को यह भी कहा गया है कि वे किसी भी तरह से रैगिंग की गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. दोषी पाये जाने पर तुरंत कॉलेज से निकाल दिया जायेगा. इसके साथ ही छात्रों को एफिडेविट में इस बात पर भी सहमति देनी होगी कि वे कॉलेज की संपत्ति को किसी भी तरह नुकसान नहीं पहुंचायेंगे. इस तरह का एफिडेविट विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों से साइन करके लिया जा रहा है.
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एजेसी बोस कॉलेज में छात्रों को जारी की गयी चेतावनी
कॉलेज प्रशासन का दावा है कि एक साल पहले नोटिस देने के बावजूद कुछ छात्रों ने इस मामले पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. अथॉरिटी की गाइडलाइन को ठेंगा दिखाते हुए वह टोर्न जींस पहनकर कॉलेज आते रहे, इसलिए प्रवेश के समय यह एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. सरकारी कॉलेजों के मामले में कोई यूनिफार्म नहीं है लेकिन छात्र-छात्राओं को शालीन कपड़ों के साथ कॉलेज में प्रवेश करने के लिए कहा गया है. एजेसी बोस कॉलेज के अधिकारियों ने फिर नये सिरे से नोटिस दिया है. इसमें साफ कहा गया कि कोई भी फटी जींस पहन कर कॉलेज में नहीं आ सकता.