Loading election data...

तस्कर गिरोह का गढ़ बन रहा कोलकाता, नोट-सोना से मवेशी तक की होती है तस्करी

Kolkata Smuggling News: कोलकाता एकमात्र ऐसा शहर है, जो बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार जैसे देश की सीमाओं से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2021 1:56 PM
an image

कोलकाता (विकास गुप्ता): कोलकाता में लगातार तस्करी के बढ़ते मामलों ने एक तरफ सरकार, तो दूसरी तरफ पुलिस अधिकारियों की परेशानी बढ़ा दी है. महानगर में आये दिन कभी जाली नोट, तो कभी ड्रग्स, तो कभी जानवरों के चमड़े व शल्क के साथ तस्कर पकड़े जा रहे हैं. आखिरकार क्यों कोलकाता में तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं. क्यों तस्करों के लिए कोलकाता पसंदीद स्थल बनता जा रहा है. लालबाजार के वरिष्ठ अधिकारी इसे लेकर अलग तर्क देते हैं.

वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक कोलकाता एकमात्र ऐसा शहर है, जो बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार जैसे देश की सीमाओं से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इन पड़ोसी देशों से तस्करी का माल आसानी से बंगाल की सीमा में प्रवेश कराकर तस्कर उसे ट्रेन या बस के रास्ते कोलकाता लाकर इसकी सप्लाई यहां से देश के किसी भी राज्य में आसानी से कर सकते हैं.

इसकी वजह से ही तस्करों के लिए कोलकाता पसंदीदा गढ़ बनता जा रहा है. म्यांमार से तस्करी का सोना व कीमती सिगरेट भारतीय सीमा में लाने के बाद इन्हें ट्रेन व बस के जरिये कोलकाता पहुंचाया जा रहा है.

Also Read: कोयला तस्करी मामले में बंगाल, यूपी, ओड़िशा में 15 स्थानों पर एक साथ सीबीआई के छापे
तस्करी के नये-नये सामान हो रहे जब्त

कोलकाता पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि हाल ही में बाबूघाट से पैंगोलिन जानवर के शल्क व सूखे पंजों के साथ दो युवकों को पकड़ा गया था. वे दोनों बड़े पैमाने पर इन शल्क को दूसरे राज्य से कोलकाता लेकर इन्हें सिलीगुड़ी के रास्ते म्यांमार भेजने वाले थे.

विदेशों में पैंगोलिन के शल्क और पंजों की भारी मांग का फायदा उठाने के लिए दोनों तस्कर इसकी सप्लाई करने वाले थे. वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि इसके पहले जीवित पशु-पक्षियों की तस्करी करते आरोपी पकड़े गये थे. लेकिन पहली बार किसी जानवर के शल्क व सूखे पंजों की तस्करी करते युवक पकड़े गये.

Also Read: Bengal News: बंगाल में कोयला तस्करी मामले का झारखंड कनेक्शन, माओवादियों को भी मिलते थे रुपये
सीमा से निकट होने के कारण जाली नोट की हो रही सप्लाई

लालबाजार के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) सूत्र बताते हैं कि अबतक जाली नोट के साथ पकड़े गये सप्लायरों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश में भारतीय जाली नोट छापने की काफी अत्याधुनिक मशीने हैं. वहां बड़े पामाने पर 2000 और 500 रुपये के साथ अब 200 व 100 रुपये के भी भारतीय जाली नोट छाप कर इन्हें मालदा व मुर्शिदाबाद के रास्ते सीमा पार करवाया जाता है.

सीमा पर सक्रिय जाली नोट के धंधे से जुड़े तस्कर ऑर्डर के मुताबिक जाली नोट की डिलिवरी करने कोलकाता आते हैं. पश्चिम बंगाल की राजधानी होने के कारण कोलकाता से देश के विभिन्न राज्यों के लिए ट्रेन व बस की सुविधा उपलब्ध होने के कारण कोलकाता को ही तस्कर अपनी पसंदीदा जगह बनाते जा रहे हैं. यहां से बिहार, झारखंड, हरियाणा व लखनऊ में बढ़ती मांग के मुताबिक जाली नोट से लेकर ड्रग्स तक भेजे जाते हैं.

कोरोना के कारण भी बढ़े तस्करी के मामले

लालबाजार के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से कोरोना काल के कारण बेरोजगारी बढ़ी है. इस कारण कई युवक तस्करी के धंधे से जुड़ गये हैं. हाल ही में महानगर के हेस्टिंग्स व प्रगति मैदान इलाके से ड्रग्स के साथ पुलिस ने ऐसे युवकों को पकड़ा, जो तस्करी के धंधे में नये थे. गिरोह के प्रमुख मोटी रकम आमदनी होने का लालच देकर इन्हें कैरियर के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे.

Also Read: मवेशी तस्करी में लिप्त बंगाल के पुलिसकर्मी! पहली बार दो पुलिस वालों से पांच घंटे तक चली पूछताछ

दूसरा उदाहरण बड़ाबाजार इलाके में देखा जा सकता है. यहां एक दिन में हवाला के करीब डेढ़ करोड़ रुपये के साथ तीन अलग-अलग जगहों से तीन युवकों को पकड़ा गया था. ये तीनों हवाला रैकेट से जुड़े शातिर सदस्यों से कैरियर थे. मोटी बेहिसाबी रकम गंतव्य तक पहुंचाने के बदले इन्हें कुछ रुपये मिलनेवाले थे. बेरोजगारी के समय आर्थिक तंगी से उबरने के लिए कई युवा तस्करों के कैरियर बन रहे हैं. पुलिस की तरफ से भी लगातार निगरानी बढ़ायी जा रही है. इस कारण आये दिन ड्रग्स, सोने व जाली नोट के साथ तस्करों को सप्लाई के पहले ही दबोच लिया जा रहा है.

Posted By: Mithilesh Jha

Exit mobile version