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कोलकाता नगर निगम बना रणक्षेत्र, मेयर हस्तक्षेप करते रहे और तृणमूल -भाजपा पार्षद लड़ते रहे

तृणमूल पार्षद असीम बोस का भाजपा पार्षद सजल घोष से झगड़ा हो गया. तीखी नोकझोंक के बाद अचानक दोनों पार्षद आपस में भिड़ गए. सजल ने तृणमूल पार्षद पर धक्का देने का आरोप लगाया. भाजपा के एक अन्य पार्षद विजय ओझा और बोरो चेयरमैन सुदीप के साथ भी मार -पीट की घटना सामने आई है.

कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के मासिक अधिवेशन में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा पार्षदों में मारपीट हो गयी. बीच-बचाव के लिए खुद मेयर फिरहाद हकीम को आगे आना पड़ा. काफी देर तक अधिवेशन में हंगामा होता रहा. चेयरपर्सन माला राय को 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.चेयरपर्सन माला राय ने इस पूरे प्रकरण में भाजपा के सजल घोष और तृणमूल पार्षद असीम बोस को शोकॉज किया है. उन्हें अगले सात दिनों के भीतर कारण बताने को कहा गया है. मेयर फिरहाद हकीम और डिप्टी मेयर अतिन घोष ने इस घटना की निंदा की है.

कोलकाता नगर निगम बना रणक्षेत्र

शनिवार को कोलकाता नगर निगम में तृणमूल पार्षद असीम बोस का भाजपा पार्षद सजल घोष से झगड़ा हो गया. तीखी नोकझोंक के बाद अचानक दोनों पार्षद आपस में भिड़ गए. सजल ने तृणमूल पार्षद पर धक्का देने का आरोप लगाया. भाजपा के एक अन्य पार्षद विजय ओझा और बोरो चेयरमैन सुदीप के साथ भी मार -पीट की घटना सामने आई है.

क्या है मामला

कोलकाता नगर निगम के मासिक अधिवेशन में तृणमूल पार्षद विश्वरूप दे के सीवरेज व ड्रेनेज के संबंध में एक सवाल का जवाब मेयर को देना था. मेयर पूछे गये प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा. मेयर ने कहा: सदन में विरोधियों की कोई भूमिका नहीं दिखती है. जो प्रश्न भाजपा या अन्य विरोधियों को पूछना चाहिए उस प्रश्न को हमारे पार्षदों को पूछना पड़ता है. ऐसा लगता है नगर निगम में अब विरोधी नहीं हैं.

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मेयर की बातों को सुनकर भाजपा के पार्षद बिफर पड़े

मेयर की इन बातों को सुनकर भाजपा के पार्षद बिफर पड़े. इतने में भाजपा पार्षद सजल घोष ने सीधे मेयर पर निशाना साधते हुए कहा कि, ऐसा लगाता है कि आप ही विरोधी (विपक्ष) पक्ष से हैं. यह सुनकर माला राय ने सजल को टोकते हुए कहा कि आप इस तरह की बात नहीं कर सकते हैं. निगम में तृणमूल कांग्रेस लंबे समय तक विपक्ष की भूमिका में रही है. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के पार्षदों द्वारा मासिक अधिवेशन में प्रश्न भी पूछे जाते थे और प्रस्ताव भी रखे जाते थे. पर अब विरोेधी दलों द्वारा न तो सवाल पूछा जाता है और न ही प्रस्ताव रखे जाते हैं.

सवाल का मेयर-डिप्टी मेयर नहीं देते कोई जवाब

माला राय की इन बातों को सुन तृणमूल के पार्षद खुश होकर टेबल थपथपाने लगे. तृणमूल पार्षदों को खुश होते देख सजल घोष ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सदन का यही कल्चर है. इस स्थिति में हम सवाल कैसे पूछें. उन्होंने कहा सवाल पूछने का कोई फायदा नहीं है. क्योंकि मेयर-डिप्टी मेयर कोई जवाब नहीं देते. तभी कथित तौर पर तृणमूल पार्षद असीम बोस भाजपा पार्षद सजल घोष और विजय ओझा की ओर बढ़े. असीम ने कहा कि मेयर के बारे में इस तरह की टिप्पणी नहीं की जा सकती. फिर जुबानी जंग शुरू हो गयी. इसके बाद असीम बोस सजल घोष के पास पहुंचे और उनके साथ कथित तौर पर हाथापाई करने लगे.

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भाजपा की ओर से लगाया गया मारपीट का आरोप

भाजपा का आरोप है कि तृणमूल पार्षद सुदीप पोल्ले, महेश शर्मा समेत कई तृणमूल पार्षदों ने उसके पार्षदों पर हमला कर दिया. भाजपा की ओर से मारपीट का आरोप लगाया गया. इस दौरान माला राय उठकर सदन के बाहर चली गयीं. बीच बचाव करने मेयर व डिप्टी पहुंचे. आरोप है कि उनके साथ भाजपा के पार्षदों ने धक्का-मुक्की की. कुछ देर के हंगामे के बाद मामला शांत हुआ. भाजपा के पार्षदों का कहना है कि निगम के इतिहास में ऐसी घटना पहले कभी नहीं घटी है. उधर, सदन में मारपीट के विरोध में भाजपा कार्यवाही समाप्त होने से पहले वॉकआउट कर गयी. गौरतलब है कि निगम में भाजपा के पार्षदों की कुल संख्या तीन है. इसके अलावा कांग्रेस के दो और वाममोर्चा के दो तथा एक निर्दल पार्षद हैं. यानी विरोधी खेमे में कुल आठ पार्षद हैं.

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