कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : पश्चिम बंगाल में ठंड के मौसम के बाद अब धीरे-धीरे कोलकाता में दस्तक दे रही गर्मी को देखते हुए कोलकाता पुलिस (Kolkata police) की तरफ से पहले ही इसकी तैयारियां शुरू कर दी गयी है. हर वर्ष गर्मी के दौरान शहर के थानों में चलनेवाले एसी के कारण बढ़ते बिल को देखते हुए अब कोलकाता पुलिस की तरफ से सौर उर्जा से एसी चलाने की तैयारी की जा रही है. इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत पोर्ट इलाके के दायरे में पड़नेवाले गार्डेनरीच थाने में सोलर प्लेट लगाकर इसकी शुरूआत की गयी है. बताया जा रहा है कि यह प्रयोग सफल रहा तो आगामी कुछ महीनों में शहर के प्रत्येक थानों में इस मॉडल की तर्ज पर एसी के अलावा थानों में अधिकतर बिजली के उपकरणों को सौर उर्जा से ऑपरेट किया जायेगा.
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महानगर में आनेवाले गर्मी के मौसम को लेकर पहले से ही शुरू हुई तैयारी
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अगर यह प्रोजेक्ट सफल हुआ तो अन्य थानों में भी किया जायेगा इस मॉडल को लागू
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कोलकाता पुलिस के विभिन्न थानों व बैरक में एक वर्ष में बिजली का बिल आता है लगभग 18 करोड़ रुपये
पुलिस सूत्र बताते हैं कि गार्डेनरीच थाने में पिछले कई दिनों से इस प्रयोग पर काम चल रहा था. थाने में विभिन्न अधिकारियों के दफ्तर में एसी मशीन को सोलर एनर्जी से चलाने के लिए छत पर सोलर प्लेट लगाये जा रहे थे. गुरुवार को पहली बार सोलर प्लेट से एसी चलाया गया. पहले दिन सोलर एनर्जी से दिनभर में दो घंटे तक लगातार एसी चलाया गया. पुलिस सूत्र बताते हैं कि धीरे-धीरे पूरे दिन सोलर एनर्जी से थाने में विभिन्न दफ्तरों में एसी चलाया जायेगा. इसके बाद थानों में अन्य बिजली के उपकरण को भी सोलर प्लेट से चलाया जायेगा. इससे थानों में स्वनिर्भरता बढ़ेगी, इसके साथ बिजली बिल के खर्च में भी काफी कटौती होगी.
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पुलिस सूत्र बताते हैं कि पूरे वर्ष में कोलकाता के विभिन्न थानों एवं बैरक को मिलाकर कोलकाता पुलिस प्रति वर्ष 18 करोड़ का बिजली बिल का खर्च वहन करती है. किसी-किसी थानों में उनके पुलिस बैरक को मिलाकर प्रति महीने एक लाख रुपये तक का बिल आ जाता है. वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर सोलर एनर्जी से थानों को स्वनिर्भर बनाया गया तो बिजली खर्च काफी कम होगा. इसी सोच के तहत गार्डेनरीच थाने में सोलर प्लेट लगाया गया है. इसके पहले अलीपुर थाने में इस तरह का प्लेट लगाया गया था. हालांकि, उसकी क्षमता उतनी ज्यादा नहीं होने के कारण उसका इस्तेमाल एसी मशीन चलाने के लिए नहीं किया जाता था.
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