कोलकाता (विकास गुप्ता): ममता बनर्जी के निर्देश पर पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित वैक्सीनेशन स्कैम के मुख्य आरोपी देबांजन देव के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या की कोशिश का मामला भी दर्ज होगा. पुलिस देबांजन के खिलाफ एक नयी धारा (आइपीसी की धारा 307) जोड़ेगी. इस मामले में देबांजन के खिलाफ तीन नयी प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार भी किया गया है. तीनों को आज अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने यह जानकारी दी. श्री शर्मा ने बताया कि देबांजन के खिलाफ कस्बा थाना में तीन नये केस दर्ज किये गये हैं. पहला मामला एक प्राइवेट फर्म से 172 कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के एवज में 1.20 लाख (1 लाख 20 हजार) रुपये लेने से जुड़ा है.
दूसरा मामला एक ठेकेदार से 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी का है. ठेकेदार को उसने स्टेडियम निर्माण का ठेका दिलाने का लालच दिया था. तीसरा मुकदमा एक दवाई कंपनी को ठेका दिलाने के नाम पर 4 लाख रुपये लेने से संबंधित है.
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देबांजन केस में तीन और लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें से दो वे लोग हैं, जो फर्जी बैंक अकाउंट के चेक पर साइन करते थे. तीसरा शख्स देबांजन का कर्मचारी था, जिसने कई वैक्सीनेशन कैंप में सक्रिय रूप से काम किया था. जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम सुशांत दास (54), रॉबिन सिकदर (31) और शांतनु मान्ना (44) हैं. सुशांत और रॉबिन कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के नाम से खुले फर्जी बैंक अकाउंट का संचालन करते थे.
सुशांत दास कोलकाता से सटे विधाननगर के साल्ट लेक सेक्टर 2 का रहने वाला है. उसके पिता का नाम सुभाष चंद्र दास है. बिमल चंद्र सिकदर का पुत्र रॉबिन सिकदर उत्तर 24 परगना जिला के बारासात का रहने वाला है. वहीं, तीसरा आरोपी शांतनु मान्ना, जिसके पिता का नाम कालीपद मान्ना है, वह कोलकाता के तालतल्ला थाना क्षेत्र का रहने वाला है.
शांतनु मान्ना को मुख्य आरोपी देबांजन देव का करीबी बताया जाता है. कोलकाता पुलिस के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) मुरलीधर शर्मा ने कहा है कि अब इस पूरे मामले की जांच खुफिया विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स (एसआइटी) करेगी.
देबांजन का साथ देने के संदेह में पुलिस ने उसके चार सहयोगियों से शुक्रवार को भी पूछताछ की थी. श्री शर्मा ने बताया कि देबांजन से पूछताछ के दौरान जिन चार लोगों के नाम सामने आये, उनसे पूछताछ की गयी. हालांकि, पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगने के कारण उन्हें फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है. जैसे-जैसे नये लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनसे पूछताछ कर उनका बयान लिया जा रहा है. ठोस सबूत मिलने के बाद जल्द ही और आरोपियों की गिरफ्तारी होगी.
Posted By: Mithilesh Jha