पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में कूचबिहार के शीतलकूची में हुई गोलीबारी की घटना पर बयानबाजी तेज हो गयी है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख सह बंगाल भाजपा के प्रभारी अमित मालवीय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले पर कहा कि कूचबिहार की घटना के लिए पूरी तरह से ममता बनर्जी जिम्मेदार है.
अमित मालवीय ने कहा कि दो दिन पहले ही कूचबिहार में रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर सुरक्षाबल आपकों रोकते हैं तो आप उन्हें घेर कर रखें और फिर वोटिंग कराने का प्रयास करें . इस तरह से ममता बनर्जी ने लोगों को सुरक्षा बलों के खिलाफ भड़काया था. उसी का परिणाम आज हमने देखा कि सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्सेज पर ममता बनर्जी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया जिनकी संख्या 300-500 बताई जा रही है.
इसके अलावा अमित मालवीय ने कहा कि कल रात को क्लब हाउस नाम के एक प्लेटफॉर्म पर तथाकथित रणनीतिकार दिल्ली के कुछ पत्रकारों को और कई सौ यूजर्स से चर्चा करते हुए ये कहते पाए गए कि बंगाल में भाजपा को बड़ी बढ़त मिल चुकी है. उनका कहना था कि उनके खुद के आंतरिक सर्वे में भी भाजपा को बड़ी बढ़त दिखाई दे रही है.
इसके अलावा अमित मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी के रणनीतिकार ने ये भी माना कि भाजपा का संगठन मतबूत है, नीचे बूथ तक फैला हुआ है और भाजपा के चुनाव लड़ने की शैली अपने में अद्भुत है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए CAA कानून का विरोध ममता सरकार यहां कर रही है उससे भी उनकी दलित विरोधी मानसिकता का हमको पता चलता है. अगर टीएमसी के नेता बंगाल के दलित समाज के बारे में ऐसी राय रखते हैं तो आप समझ सकते हैं कि ममता बनर्जी का इस समुदाय के प्रति क्या रवैया होगा?
अमित मालवीय ने कहा कि क्लब हाउस के चैट में यह बात भी सामने आयी है कि हाल में ही टीएमसी की एक नेता सुजाता मंडल जो ममता बनर्जी के करीबी हैं, उन्होंने ये तक कह दिया कि बंगाल का दलित, स्वभाव से भिखारी है. ममता बनर्जी के इतना करने के बाद भी वो संतुष्ट नहीं हैं. यही वजह है कि 2019 में जिस प्रकार का समर्थन भाजपा को मिला था उससे कहीं अधिक समर्थन अब भाजपा को दलित समाज से मिल रहा है.
साथ ही बताया गया कि दलित समाज जो बंगाल की 27% की आबादी है, वो एकमुश्त होकर भाजपा के साथ खड़ी है. उन्होंने ये माना कि मतुआ समाज, राजवंशी समाज, नमोशूद्र समाज भाजपा के साथ लामबंद है. टीएमसी की तुष्टिकरण की राजनीति और उसका खामियाजा खुद टीएमसी को उठाना पड़ रहा है. उनका ये भी कहना है कि पिछले 20 सालों में लेफ्ट, कांग्रेस और फिर टीएमसी के द्वारा जिस तरह से तुष्टिकरण की राजनीति देखी गई, उसकी वजह से जमीन पर ध्रुवीकरण देखा जा रहा है.
इस ध्रुवीकरण का नुकसान सीधा टीएमसी को हो रहा है. ये बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि पिछले कुछ महीने में टीएमसी को ये रणनीतिकार ही चला रहे हैं. जिसकी वजह से टीएमसी पार्टी के कई बड़े नेता पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल भी हुए हैं उतना ही नहीं उन्होंने इस बात को भी माना कि बंगाल में भाजपा चुनाव जीत रही है.
Posted By: Pawan Singh