Loading election data...

80 एकड़ वन भूमि पर कोरवा परिवार कर रहे दावा, वनकर्मियों ने जब्त किये खेती के सामान

रंका प्रखंड के लुकुमबार गांव में वन विभाग की भूमि को खाली कराने गये वन पदाधिकारियों का स्थानीय आदिम जनजाति के लोगों के साथ झड़प हो गयी. इस मामले में आदिम जनजाति के सात लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसके बाद प्रभावित परिवारों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2022 10:40 PM

Garhwa News: रंका प्रखंड के लुकुमबार गांव में वन विभाग की भूमि को खाली कराने गये वन पदाधिकारियों का स्थानीय आदिम जनजाति के लोगों के साथ झड़प हो गयी. इस मामले में आदिम जनजाति के सात लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसके बाद प्रभावित परिवारों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है.

क्या है घटनाक्रम

घटना की जानकारी देते हुये लुकुमबार गांव की महिलाओं ने कहा कि उनके घर के पुरुष खेत में हल जोत रहे थे. इसी दौरान 15 वनकर्मी वहां पहुंचे और हल जोतने से मना करने लगे. शोर-शराबा सुनकर महिलाएं भी खेत में पहुंच गई. वन कर्मी जबरन उनके हल को खोलने लगे. इसे मना करने पर वन कर्मियों ने छड़ी से उनके साथ मारपीट की. मारपीट में महिलाओं को चोट लगी. वन कर्मियों ने हल से बैल खोलकर भगा दिया. इसके बाद वे हल एवं जुआट जब्त कर अपने साथ ले गए. उन्होंने बताया कि वनकर्मियों के मारपीट में गांव की विमला देवी, सुनिता देवी, तेरगनी देवी, अनिता देवी, किसमतिया देवी, सरोज देवी, सुबचनी देवी, संगिता देवी, उर्मिला कुमारी, प्रमिला कुमारी और सुमिला कुमारी को चोटें आयी हैं.

साल 2002 से 80 एकड़ भूमि पर करते हैं खेती

इस संबंध में बालदेव कोरवा, प्रमोद कोरवा, रामचंद्र कोरवा, सुरेश कोरवा, संतोष कोरवा, अजय कोरवा, सुमन कोरवा आदि ने बताया कि वे 80 एकड़ भूमि का दावा करते हैं. उसपर वर्ष 2002 से ही इस भूमि का जोत- कोड़ कर रहे हैं. उन्होंने उस भूमि में घर भी बनाए हैं. उन्होंने कहा कि वे लोग भूमिहीन हैं. उनके पास ज़मीन नहीं है. उसी जमीन में खेती कर जीविकोपार्जन करते हैं. लेकिन वन विभाग के कर्मी खेत जोतने से मना करते हैं. आज की घटना पर सभी आदिम जनजाति परिवार के लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया.

वन भूमि का अतिक्रमण नहीं होने दिया जायेगा

इस संबंध में वनों के क्षेत्र पदाधिकारी गोपाल चंद्रा ने कहा कि वन भूमि को अतिक्रमण कर हल जोतने के आरोप में सात आदिम जनजाति ( कोरवा) के लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है. इनमें बालदेव कोरवा, प्रमोद कोरवा, रामचंद्र कोरवा, सुरेश कोरवा संतोष कोरवा, सुमन कोरवा, राजा कोरवा शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जमीन जंगल का है. आदिम जनजाति के लोग जंगल के जमीन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. वन भूमि को अतिक्रमण कर उसमें घर बना रहे हैं और हल जोत रहे हैं. उनका घर भी ध्वस्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ मारपीट नहीं हुआ है. यह आरोप निराधार है.

Next Article

Exit mobile version