केटीपीएस एशपौंड की धूल में भी हरियाली, किसान मेहीउद्दीन ने जिद से की सब्जी की खेती, कर रहे अच्छी आमदनी
Jharkhand News: किसान मेहीउद्दीन को पटवन में पहले परेशानी होती थी. कृषि विभाग से उन्हें सोलर लाइट मिली और 50 हजार रुपये खर्च कर डीप बोरिंग करायी तब से पटवन की समस्या भी दूर हो गयी है. आसपास के किसान भी इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं.
Jharkhand News: कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड की तमाय पंचायत अंतर्गत बिसोडीह के किसान मेहीउद्दीन ने साबित कर दिखाया है कि बाधाएं लाख आएं, मगर परिश्रम का माद्दा हो तो पत्थर पर भी फूल उगाये जा सकते हैं. केटीपीएस के एशपौंड से सटे इनके गांव व अन्य गांवों में धूल ही धूल उड़ती रहती है, मगर इनके घर के पास की चार कट्टा जमीन पर हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है. पहले इन्होंने एशपौंड के बगल स्थित अपने खेत में सब्जियों की खेती शुरू की थी, मगर बार-बार एशपौंड का बांध टूटता था और फसल क्षतिग्रस्त हो जाती था, मगर इन्होंने हार नहीं मानी. स्थल परिवर्तन किया खेती करने लगे.
फिलहाल अपने घर के पीछे स्थित चार कट्टा जमीन में इन्होंने आलू, प्याज, फूलगोभी, टमाटर, मटर, गाजर, कद्दू, सिम, करैला, अदरक, लहसुन, हरीमिर्च आदि की खेती शुरू की है. जिससे सब्जियों का अच्छा उत्पादन हो रहा है. घर में खाने के लिए इन्हें सब्जी नहीं खरीदनी पड़ती है, बल्कि अपनी सब्जियों को बेचकर वे बेहतर मुनाफा भी कमा रहे हैं और इसी मुनाफा से उनके परिवार का भरण-पोषण भी हो रहा है. सब्जियों के ताजा होने के कारण केटीपीएस टाउनशिप एरिया फोरलेन चौक व आसपास के इलाके में आसानी से सब्जी बिक जाती है. फिलहाल फूलगोभी 40 रूपये, प्याज 30, कद्दू 20, करैला 30, टमाटर 30-40, मटर 40 रूपये की दर से बिक रहा है.
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पहले इन्हें पटवन में परेशानी होती थी, मगर जब से जिला कृषि विभाग से उन्हें सोलर लाइट मिली और 50 हजार रुपये खर्च कर डीप बोरिंग करायी तब से पटवन की समस्या भी दूर हो गयी है. आसपास के किसान भी इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं. इससे पहले उन्हें 8-10 किलोमीटर दूर स्थित नदी से पाइपलाइन के माध्यम से पंपिंग सेट चलाकर पटवन करना पड़ता था. उस समय महंगा केरोसिन तेल सबसे बड़ी परेशानी थी. अब इस परेशानी से भी निजात मिल गया है. मेहीउद्दीन इलाके के सफल किसान के साथ-साथ किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं. अब अन्य किसानों ने सब्जियों की खेती शुरू कर दी है.
किसान मेहीउद्दीन कहते हैं कि बगैर परिश्रम के किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिलती. इस कार्य में भी मेहनत तो है पर मुनाफा व सुकून है. मेरे लिए यह एक बेहतर व्यवसाय है, जिसकी बदौलत पूरे परिवार का भरण-पोषण होता है. खेती में पूरे परिवार का सहयोग मिलता है.
रिपोर्ट: राजेश सिंह