Loading election data...

Ashwin Panchami या Kunwara Panchami को कब करें श्राद्ध, इस खास व‍िध‍ि से होता है इस द‍िन प‍िंडदान

अश्‍व‍िन पंचमी के दिन पंचमी श्राद्ध होता है. इस श्राद्ध को पंचमी श्राद्ध के अलावा कुंवारा पंचमी श्राद्ध भी कहते हैं. इस दिन उन लोगों का श्राद्ध होता है, जिनकी मृत्‍यु पंचमी के दिन हो गई हो या जिनकी मौत अविवाहित रहते हुए हो गई हो. इसे कुंवारा पितृ भी कहते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2021 4:53 PM

अश्‍व‍िन पंचमी के दिन पंचमी श्राद्ध होता है. इस श्राद्ध को पंचमी श्राद्ध के अलावा कुंवारा पंचमी श्राद्ध भी कहते हैं. इस दिन उन लोगों का श्राद्ध होता है, जिनकी मृत्‍यु पंचमी के दिन हो गई हो या जिनकी मौत अविवाहित रहते हुए हो गई हो. इसे कुंवारा पितृ भी कहते हैं.

मान्‍यता अनुसार इस दिन भाई, भतीजा, भांजे आदि का पिंडदान होता है. यह भी कहा जाता है कि पिंडदान के दिन यदि राहुकाल है तो याद रखें कि आपको राहुकाल से पहले ही तर्पण व पिंडदान करना होगा.

पंचमी श्राद्ध की खास विधि होती है. इस दिन श्राद्ध कराने वाले व्‍यक्‍त‍ि को 5 ब्राह्मणों को खाना खिलाना होता है.

श्राद्ध की विधि:

1. स्‍नान कर साफ स्‍वेत वस्‍त्र धारण करें.

2. श्राद्ध में गंगाजल, कच्‍चा दूध, तिल, जौ और शहद मिश्र‍ित जल की जलांजि दें.

3. इसके उपरांत पितृगणों की विधिवत पूजन करें.

4. इस दिन पितृगण के निमित, गाय के घी का दीप, चंदन की अगरबत्‍ती जलाएं, शहद, लाल फूल, लाल चंदन और अशोक का पत्‍ता अर्प‍ित करें.

5. चावल और जौ के आटे के पिंड आदि अर्प‍ित करें.

6. फिर उनके नाम का नैवेद्य चढ़ाएं.

7. कूश के आसन पर बैठकर भगवान विष्‍णु का ध्‍यान करें.

8. ॐ पाच्‍चजन्‍यधराय नमः॥

9. इसके बाद गीता के 5वें अध्‍याय का पाठ करें.

10. इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्‍हें यथाशक्ति दान दें और उनका आशीर्वाद लें.

मुहूर्त :

पंचमी तिथि कब से शुरू : 25सितंबर 2021 को 10:38 सुबह से

पंचमी तिथि समाप्‍त कब हो रही है: 26 सितंबर 2021 को 01:07pm

कुतुप मुहूर्त: 04:05 साम से 4:54 साम तक

समय : 0: 49 मिनट सिर्फ

रोहिणी मुहूर्त: 11:16 से 12:04बजे तक

समय: सिर्फ 48

मिनट

राहु काल: 4:11 सायंकालीन से 5:42बजे सायंकालीन तक

समय : 1घंटे 31 मिनट

संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

Next Article

Exit mobile version