Jharkhand News: कुड़माली भाषा को लेकर साहित्यकार खगेश्वर महतो ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं से की ये अपील
Jharkhand News: साहित्यकार खगेश्वर महतो ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अलावा राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में कुड़माली की पढ़ाई हो रही है. विद्यार्थी भी रूचि लेकर पढ़ रहे हैं.
Jharkhand News: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में कुड़मी समाज खरसावां प्रखंड समिति की ओर से रविवार को खरसावां में कुड़माली भाषा एवं संस्कृति से संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण के दौरान कई किताबों के लेखक प्रसिद्ध कुड़माली साहित्यकार खगेश्वर महतो ने कुड़माली भाषा के महत्व को बताया. उन्होंने कहा कि कुड़माली भाषा ही हमारी पहचान है. आज पूरे राज्य में भाषा की पढ़ाई हो रही है जो गर्व की बात है. सरकार ने भी सहयोग कर सराहनीय प्रयास किया है.
खगेश्वर महतो ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अलावा राज्य के अन्य प्रतिष्ठ विश्वविद्यालय में कुड़माली की पढ़ाई हो रही है. विद्यार्थी भी रूचि लेकर पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अन्य समुदाय के लोग भी कुड़माली भाषा की पढ़ाई कर सरकारी नौकरी हासिल कर रहे हैं. नये पीढ़ी के युवक व युवतियों से अपील करता हूं कि वे भी शामिल होकर भाषा को लिखना व पढ़ना सीखें, ताकि समाज आगे बढ़ सके. इस दौरान अन्य प्रशिक्षकों ने अपने समाज की भाषा, सांस्कृति व परंपरा पर प्रकाश डाला. कुड़माली भाषा का महत्व, कुड़माली संस्कृति को सशक्त बनाने, सामाजिक व राजनीतिक चेतना लाने तथा समाज के लोगों को अपनी भाषा-संस्कृति के प्रति जागरूक करने पर परिचर्चा आयोजित की गयी. लोगों को इसकी जानकारी देने के साथ-साथ जागरूक करने पर भी बल दिया गया.
प्रशिक्षण में बतौर मुख्य अतिथि धर्मेंद्र महतो शामिल हुए. इसके अलावा चक्रधरपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, नलिता के सेवानिवृत शिक्षक सह कुड़माली साहित्यकार खगेश्वर महतो, बड़ाबांबो के सेवानिवृत शिक्षक इंद्रजीत महतो व चेलाबेड़ा, चक्रधरपुर के दिनेश महतो प्रशिक्षक के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम में कुड़मी समाज के खरसावां प्रखंड इकाई के अध्यक्ष दशरथ महतो, सचिव शिवनारायण महतो, कोषाध्यक्ष पंकज महतो, मीडियो प्रभारी महेश्वर महतो, बबलू महतो, तिलक महतो, महेश्वर महतो, रामरतन महतो, दुर्गा चरण महतो, दीपक महतो, श्यामलाल महतो, मनबोध महतो, झंटू महतो, लोकनाथ महतो आदि उपस्थित थे.
रिपोर्ट: शचिंद्र कुमार दाश