धूमधाम से जन्माष्टमी मनाने वाली UP पुलिस कुशीनगर में क्यों नहीं मनाती कान्हा का जन्मोत्सव?

कुशीनगर जिले के सभी थानों पर पिछले 28 वर्ष से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इसकी वजह यह है कि सन 1994 में कुशीनगर पुलिसकर्मियों के साथ एक दिन ऐसा हादसा हुआ जो मलाल बन गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 20, 2022 6:44 AM

Kushinagar Exclusive News: एक तरफ जहां मथुरा, वृंदावन सहित पूरे देश में जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. लोग घरों से लेकर मंदिरों तक भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. वहीं, कुशीनगर जिले के सभी थानों पर पिछले 28 वर्ष से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इसकी वजह यह है कि सन 1994 में कुशीनगर पुलिसकर्मियों के साथ एक दिन ऐसा हादसा हुआ जो मलाल बन गया. जंगल पार्टी के बदमाशों ने नदी में गिरकर पुलिस के 6 जवानों की नाव पर फायरिंग कर नाव को डुबो दिया था. इस हमले में एक पुलिसकर्मी डूबकर मर गए थे. उसी समय से यहां की पुलिस ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाना छोड़ दिया था जो अब तक चला आ रहा है.

एसओ सहित छह पुलिसकर्मी की मौत

उत्तर प्रदेश और बिहार प्रदेश को बांटने वाली गंडक नदी जो उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिले का बॉर्डर लगता है. इसके आसपास दियारा कहा जाता था. इस इलाके में जंगल पार्टी के बदमाशों का वर्चस्व था. क्षेत्र के लोग बदमाशों के खौफ में अपनी जिंदगी जीने को मजबूर थे. यहां बदमाशों का दबदबा था. वहां यह हादसा 30 अगस्त, 1994 जन्माष्टमी के दिन ही हुआ था. इसमें तरया सुजान व कुबेर स्थान थाने के एसओ सहित छह पुलिसकर्मी की मौत हुई थी. इन पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के तौर पर कुशीनगर जिले के सभी थानों में जन्माष्टमी नहीं मनाई जाती है.

रामायासी गैंग का था बोलबाला

जंगल पार्टी में उन दिनों अलाउद्दीन लोहा के साथ ही बेचू रामायासी, भगत, बासुदेव यादव, भागड़ नाम के बदमाशों का बड़ा आतंक था. यह बदमाश लोगों से लूटपाट, डकैती, रंगदारी, वसूली, बच्चों का अपहरण, फिरौती चिट्ठी भेजकर वसूली करना इनका पेशा था. यह सब काम इस गैंग के लिए चींटी मारने इतना था. सन 1994 में बिहार के पश्चिमी चंपारण व उत्तर प्रदेश के बॉर्डर के जिला कुशीनगर सहित आस-पास के इलाके में रामायासी गैंग का बोलबाला था. उनका दाहिना हाथ बेटू कुशवाहा था.

पुलिस ने उठाया बड़ा कदम 

पुलिस गैंग के बदमाशों की हरकतों से परेशान हो चुकी थी. ऐसे में कुशीनगर के कप्तान कमल सक्सेना ने रामायासी गैंग की सफाई के लिए कुशीनगर जिले के तारया सुजान सहित तीन अलग-अलग टीमें गठित कीं. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की रात पुलिस की टीम ने कुबेरस्थान थानाक्षेत्र में गंडक नदी में देंगी नाव पर सवार होकर निकली. पुलिस की जानकारी रामयासी गैंग को कहीं से हो गई थी. पुलिस नदी में एक देंगी नाव पर सवार होकर निकली तो नदी की दूसरी तरफ बदमाशों का गैंग उनका इंतजार कर रहा था. दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई. इससे पुलिस की देंगी नदी में ही पलट गई. रात में पानी में डूबने की वजह से पुलिस के 6 जवान जिसमें दो दरोगा और चार सिपाही थे शहीद हो गए.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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