Kyaiktiyo Pagoda: दुनिया में ऐसी बहुत सारी रहस्यमयी चीजे हैं जिनका हमारे तेज तर्रार वैज्ञानिकों (Brilliant Scientists) ने अब तक पर्दा नहीं उठा पाया है. इनमें कई रहस्यमयी मंदिर (Mysterious Temple) भी शामिल हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. उनमें म्यांमार (Myanmar) के मोन राज्य (Mon State) में स्थित एक रहस्यमयी पत्थर भी शामिल है, जो सदियों से चमत्कारिक रूप से एक दूसरे पत्थर की ढाल पर टिका हुआ है. इसके संतुलन को लोग भगवान बुद्ध (Lord Buddha) का चमत्कार (Miracle) बताते हैं. यही वजह है कि इसे क्यैकटियो पगोडा (Kyaiktiyo Pagoda) और गोल्डन रॉक के नाम से भी जाना जाता है. यह जगह म्यांमार के बौद्धों (Buddhists) का प्रमुख तीर्थ स्थल (Major Pilgrimage Sites) है. आप गोल्डन रॉक के संतुलन को देख कर दांतों तले उंगली दबाने लगेंगे. बता दें कि म्यांमार के मोन राज्य में स्थित क्यैकटियो पगोडा एक प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है. यह एक छोटा पगौडा (24 फीट) है, जो ग्रेनाइट शिला (Granite Rock) पर बना है, जिस पर उपासकों द्वारा सोने की पत्तियां चिपकाई गई हैं. इसके प्राकृतिक आश्चर्य को कहानियों द्वारा पवित्र बना दिया गया है. यह पत्थर 25 फीट ऊंचा है. इस सुनहरे पत्थर की खास बात यह है कि सदियों से चमत्कारिक रूप से एक दूसरे पत्थर के ढाल पर टिका हुआ है. इसे अभी तक आंधी-तूफान अपनी जगह से हिला नहीं सके हैं. यह लोगों को आश्चर्य चकित करने वाला है. पगौडा एक प्रकार का बौद्ध मंदिर होता है.
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सोने का है ये पत्थर
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पत्थर के ऐसे टिके होने का रहस्य
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इतने बार आने पर पूरी होती है मन्नत
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महिलाओं को मना है छूना
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गोल्डन रॉक असल में सोने का नहीं है. बुद्ध धर्म को मानने वाले लोग इस पत्थर को बहुत ही पवित्र मानते हैं, इसलिए जब वे यहां दर्शन के लिए आते हैं, तो अपने साथ सोने की पत्तियां (Gold Leaves) लाते हैं और श्रद्धा स्वरूप इनको इस पत्थर पर चिपकाते हैं, जिस वजह से ये पत्थर सोने की तरह सुनहरा दिखता है. यही वजह है कि इसका नाम ‘गोल्डन रॉक’ पड़ गया है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
यह भारी-भरकम पत्थर समुद्र तल से लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो किसी रहस्य से कम नहीं है, जिसका संतुलन गुरुत्वाकर्षण को भी चुनौती देते हुए दिखता है. माना जाता है कि यह पत्थर भगवान बुद्ध के बालों पर टिका हुआ है, जिसकी वजह से यह अपने स्थान से कभी हिलता नहीं है. हालांकि इस बारे में किसी को नहीं पता है कि यह पत्थर कब से यहां ऐसे ही टिका हुआ है, लेकिन माना जाता है कि ‘क्यैकटियो पगोडा’ का निर्माण 581 ईसा पूर्व में किया गया था. हालांकि कुछ लोग यह भी मानते हैं कि 11वीं सदी में एक बौद्ध भिक्षु ने भगवान बुद्ध के बालों के सहारे इस पत्थर को इस तरह के ढलान पर टिका कर रख दिया था.
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बताया जाता है कि इस पत्थर के पास साल में तीन बार जाने से गरीबी और सारे दुख दूर हो जाते हैं. यह भी मान्यता है कि इस जगह पर जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो पूरी जरूर होती है.
मान्यता है कि कोई महिला ही इस पत्थर को इस जगह से हिला सकती है या स्थानांतरित कर सकती है. इस वजह से महिलाओं को इस सुनहरे पत्थर को छूने की अनुमति नहीं है, वो सिर्फ दूर से ही इसे देख सकती हैं. इस पत्थर के पास कोई महिला न जाने पाए, तीर्थ स्थल के अंदर आने वाले गेट पर हर वक्त सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं और नजर रखते हैं.
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