गोरखपुर में निर्माणाधीन बिल्डिंग की छत गिरने से मजदूर दबे, रेस्क्यू कर निकाला गया बाहर, गभीर हालत में भर्ती
गोरखपुर के हाइडिल कालोनी के पास शनिवार को एक निर्माणाधीन मकान की छत गिर जाने से दो मजदूर दब गए. मजदूरों बाहर निकाल कर इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह घटना हाइडल कॉलोनी की सीबीसीआईडी ऑफिस के पास CPI (ML) मंडल कार्यालय की है.
गोरखपुर. उत्तर प्रदेश स्थित गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र के मोहद्दीपुर से बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां पर हाइडिल कालोनी के पास शनिवार को एक निर्माणाधीन मकान की छत गिर जाने से दो मजदूर इसमें दब गए. कुछ मजदूर घायल भी हुए हैं. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने मजदूरों बाहर निकाल कर इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. यह घटना हाइडल कॉलोनी की सीबीसीआईडी ऑफिस के पास CPI (ML) मंडल कार्यालय की है.
गंभीर हालत में कराया गया अस्पताल में भर्ती
वहां पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब निर्माणाधीन मकान की छत गिरी तो वहां पर सात से आठ की संख्या में मजदूर काम कर रहे थे. जैसे ही मकान की छत गिरी 2 मजदूर इसमें दब गए, बाकी वहां से भाग गए. हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर एडीएम फाइनेंस और प्रभारी अधिकारी आपदा राजेश कुमार सिंह पहुंचें. साथ में जिला आपदा अधिकारी गौतम गुप्ता और एनडीआरएफ से आशुतोष मिश्रा भी पहुंचे थे. जिसके बाद इन लोगों पुलिस की मदद से घायलों को अस्पताल भिजवाया.
रेस्क्यू कर घायलों को निकाला बाहर
टीम ने रेस्क्यू कर घायलों को बाहर निकाला घायलों की पहचान मुन्ना गुप्ता रसूलपुर सोनबरसा और रफूल अली अंसारी निवासी सोनबरसा के रूप में हुई हैं. बताते चले मोहद्दीपुर हाईडील कॉलोनी के पास CPI (ML) मंडल कार्यालय ने निर्माण कार्य चल रहा था. शनिवार की सुबह सात से आठ की संख्या में मजदूर काम कर रहे थे. अचानक छत भरभरा कर गिर गई. जिसमें 2 मजदूर दब गए. हादसे की वजह छत तार जर्जर होना बताया जा रहा है. फिलहाल घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
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भवन जर्जर होने के कारण हुआ हादसा
एडीएम फाइनेंस ने बताया कि आपदा अधिकारियों द्वारा हमें सूचना मिली थी कि CPI (ML) मंडल कार्यालय की छत गिर गई है. जिसमें 2 मजदूर दबे हुए थे. जिनका रेस्क्यू कर बाहर निकाल कर उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है. फिलहाल यहां और कोई मौजूद नहीं है. नगर निगम को यहां की विजिट करने के लिए बोला गया है. भवन पूरी तरह से जर्जर है. नगर निगम भवन का विजिट करने के बाद उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा सकती है.
रिपोर्ट-कुमार प्रदीप, गोरखपुर