मोबाइल टावर कंपनियों के खिलाफ एक्शन में श्रम विभाग, 92.05 लाख रुपए की वसूली के लिए दी ये चेतावनी
श्रम अधीक्षक एतवारी महतो ने बताया कि जिले में कोई भी निर्माण कार्य किया जाता है, तो निर्माण लागत की एक प्रतिशत राशि विभाग के खाते में जमा कर इसकी सूचना श्रम विभाग को दी जानी चाहिए. अन्यथा दो प्रतिशत ब्याज के साथ वसूली की कार्रवाई की जा सकती है.
गढ़वा जिले में कुल 263 मोबाइल टावरों का निर्माण किया गया है, पर निर्माण की सूचना इन कंपनियों द्वारा श्रम विभाग को नहीं दी गयी है. साथ ही मोबाइल टावर का निर्माण लागत का कुल एक प्रतिशत राशि भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम 1996 के अन्तर्गत विभाग के खाते में जमा की जानी चाहिए. इसकी सूचना स्थानीय श्रम कार्यालय को दी जानी चाहिए थी. परंतु न तो इन कंपनियों के द्वारा मोबाइल टॉवर के निर्माण की सूचना और ना ही उपकर की राशि जमा करने की सूचना कार्यालय को दी गयी है. इसको लेकर श्रम अधीक्षक कार्यालय, गढ़वा द्वारा सभी मोबाइल कंपनियों को नोटिस जारी किया गया था. परंतु किसी भी कंपनी ने उपकर राशि विभाग के खाते में जमा करने की सूचना नहीं दी है. इसके कारण सभी कंपनियों पर निर्माण लागत का एक प्रतिशत राशि विभाग के खाते में जमा करने के लिए आदेश पारित किया गया है. इस संबंध में श्रम अधीक्षक एतवारी महतो ने बताया कि जिले में कोई भी निर्माण कार्य किया जाता है, तो निर्माण लागत की एक प्रतिशत राशि विभाग के खाते में जमा कर इसकी सूचना श्रम विभाग को दी जानी चाहिए. अन्यथा दो प्रतिशत ब्याज के साथ वसूली की कार्रवाई की जा सकती है.
-
गढ़वा जिले में आठ कंपनियों के कुल 263 मोबाइल टावर हैं
-
एक महीने के अंदर बकाया नहीं देने पर पर नीलामी कर होगी उपकर की वसूली
किसके पास कितना बकाया
जिन कंपनियों के पास बकाया है, उनके नाम हैं : टेलिकॉम कॉरपरेशन प्राइवेट लिमिटेड (1.05 लाख), भारती एयरटेल लिमिटेड (15.05 लाख), टावर विजन (35 हजार), इंडस टावर लिमिटेड (16.80 लाख), एटीसी टेलिकॉम कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (13.30 लाख) और सुमित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (10.85 लाख). इसके अलावा भी कई अन्य कंपनियों पर बकाया है.
एक महीने बाद की जायेगी नीलामी
श्रम विभाग के आदेश में उपरोक्त कंपनियों को 92.05 लाख रुपये की बकाया राशि दिये जाने का एक महीने का समय दिया गया है. यदि एक माह के अंदर उपरोक्त कंपनियों द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण उपकर की राशि बोर्ड के खाते में जमा नहीं की जाती है, तो नीलामवाद दायर कर पैसा वसूलने की कार्रवाई की जायेगी.