झारखंड : पिंगु गांव में आज भी ढिबरी युग में जी रहे हैं लोग, मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव
बंदगांव के पिंगु गांव में आज भी बिजली, सड़क, शिक्षा, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. आजादी के 75 साल बाद भी यहां के ग्रामीण ढिबरी जलाकर रहे हैं. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. इन्हें महज आश्वासन ही मिलता है.
बंदगांव, अनिल तिवारी. पश्चिम सिंहभूम जिला के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र बंदगांव प्रखंड के टेबो पंचायत में आज भी बिजली, सड़क, शिक्षा, पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है. टेबो पंचायत के पिंगु गांव के लोग आजादी के 75 साल बाद भी ढिबरी युग में जी रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताई समस्या
ग्रामीणों ने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि एनएच 75 मुख्य मार्ग से यहां आने के लिए कच्ची सड़क है. चाकी से आने में बारिश के दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बरसात में कोदमबेड़ा नाला में पानी भर जाने से लोगों को आने जाने में भी काफी दिक्कतें होती हैं. चाकी से पिंगु तक जाने की सड़क बन जाने से लोवाहातू, जीराए, बोंगबंगा, दुधकुंडी, मदडीह, पिंगु आदि गांव के लोगों को सुविधा मिलेगी.
सोलर बिजली देने का काम शुरू तो हुआ, लेकिन खत्म नहीं
ग्रामीण मुंडा शीतल तोपनो ने कहा कि इस गांव में लगभग 5 साल पहले सोलर से बिजली देने के लिए काम शुरू किया गया था, लेकिन अब तक चालू नहीं हो पाया है. जिसके कारण आज तक इस गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है. बच्चे को पढ़ाई लिखाई में काफी दिक्कतें होती है. आज भी यहां के लोग ढिबरी जलाकर ही जीने को विवश हैं. यहां का विद्यालय के भवन की स्थिति भी काफी जर्जर है. भवन की मरम्मत कराई जाए.
ग्रामीणों को मिलता है महज आश्वासन
ग्रामीणों की समस्याएं सुनने के लिए आए दिन कई राजनीतिक दल और अलग-अलग संगठन के नेता पहुंचते रहते हैं, लेकिन आज तक वहां के लोगों को महज आश्वासन ही मिलता आया है. कभी भी जमीनी स्तर पर उनकी स्थिति को सुधारने की कोशिश नहीं की गई है. अब देखना है कि आखिरकार सच में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं कब मिलेंगी.
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