मानव संसाधन की कमी से आयुष का हाल खस्ता
झारखंड में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध व होमियोपैथ (आयुष) का हाल खस्ता है. आयुष निदेशालय से लेकर आयुष से संबंधित मेडिकल कॉलेजों तथा विभिन्न संयुक्त अस्पताल व डिस्पेंसरी में चिकित्सकों, शिक्षकों व पदाधिकारियों सहित तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की घोर कमी है.
रांची : झारखंड में आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध व होमियोपैथ (आयुष) का हाल खस्ता है. आयुष निदेशालय से लेकर आयुष से संबंधित मेडिकल कॉलेजों तथा विभिन्न संयुक्त अस्पताल व डिस्पेंसरी में चिकित्सकों, शिक्षकों व पदाधिकारियों सहित तृतीय व चतुर्थ वर्गीय कर्मियों की घोर कमी है. दरअसल आयुष से जुड़े कुल 1764 पदों में से 1461 (करीब 83 फीसदी) रिक्त हैं. एक ओर केंद्र सरकार ने आयुष की महत्ता को देखते हुए एक अलग मंत्रालय बनाया है. इधर, झारखंड में अायुष योग व योग दिवस के नाम पर ही सांस ले रहा है. हालत यह है कि 2003 में स्वीकृत हुआ आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज चाईबासा का भवन इतने वर्षों बाद भी अभी 30 फीसदी ही बना है.
विलंब से इसकी लागत भी करीब 10 गुना बढ़ गयी है. वहीं, यूनानी मेडिकल कॉलेज, गिरिडीह बन कर बेकार है. बनने के बाद संवेदक ने इसे 2016 में ही हैंडओवर कर दिया है. उधर, आयुर्वेदिक फार्मेसी कॉलेज गुमला अभी बना ही नहीं है. होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज गोड्डा 64 स्वीकृत पदों के विरुद्ध तीन लोगों के भरोसे किसी तरह संचालित है. राज्य भर में आयुष खास कर आयुर्वेद व होमियोपैथ से जुड़े सभी डिस्पेंसरी में चिकित्सक भी नहीं हैं.
कहां, कितनी रिक्तियां
स्थापना स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त
आयुष निदेशालय 5 3 2
आयुष मेडिकल काउंसिल 4 0 4
आयुष चिकित्सा शिक्षा
आयुर्वेद कॉलेज, चाईबासा (असंचालित) 53 0 53
होमियोपैथी कॉलेज, गोड्डा 64 3 61
यूनानी कॉलेज, गिरिडीह (असंचालित) 21 0 21
आयुर्वेदिक फार्मेसी कॉलेज, साहेबगंज 5 2 3
आयुर्वेदिक फार्मेसी कॉलेज, गुमला (असंचालित) 5 0 5
आयुष संयुक्त अस्पताल, डिस्पेंसरी व पीएचसी
जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी व चिकित्सक 672 60 612
अस्पतालों व डिस्पेंसरी में तृतीय वर्गीय कर्मी 608 112 496
अस्पतालों व डिस्पेंसरी में चतुर्थ वर्गीय कर्मी 484 131 353
कुल 1764 303 1461