बेटी की थी चाह, बेटा ने लिया जन्म तो प्रसव कक्ष में ही दहाड़ मारकर रोने लगीं उपसरपंच, जानें पूरा मामला
रेफरल अस्पताल कटोरिया के प्रसव कक्ष में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब बेटी की चाहत रखने वाली प्रसूता उपसरपंच को यह पता चला कि उसके द्वारा जन्म लेने वाला नवजात बेटी नहीं बेटा है. यह सुनते ही प्रसव कक्ष में प्रसूता सह दामोदरा पंचायत की उपसरपंच ममता देवी दहाड़ मारकर रोने लगी. प्रसव कराने वाली एएनएम व अन्य महिला कर्मी काफी देर बाद उसे चुप कराने में सफल हुए.
रेफरल अस्पताल कटोरिया के प्रसव कक्ष में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी, जब बेटी की चाहत रखने वाली प्रसूता उपसरपंच को यह पता चला कि उसके द्वारा जन्म लेने वाला नवजात बेटी नहीं बेटा है. यह सुनते ही प्रसव कक्ष में प्रसूता सह दामोदरा पंचायत की उपसरपंच ममता देवी दहाड़ मारकर रोने लगी. प्रसव कराने वाली एएनएम व अन्य महिला कर्मी काफी देर बाद उसे चुप कराने में सफल हुए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दामोदरा पंचायत के बूढ़ीघाट गांव निवासी अरविंद मंडल की पत्नी सह उपसरपंच ममता ने रेफरल अस्पताल में तीसरे संतान को जन्म दी. प्रसूता ममता देवी को पूर्व से दो पुत्र आशीष कुमार (6 वर्ष) व अभिषेक कुमार (4 वर्ष) है. उसकी इच्छा बेटी की थी.
प्रसूता ममता देवी ने बताया कि आज के समय में हर क्षेत्र में बेटियां सफलता का परचम लहरा रही हैं और बेटी के बिना घर का आंगन भी सूना रहता है. उपसरपंच के तीसरे नवजात का नाम आयुष कुमार रखा गया.
प्रसूता की सास बुधनी देवी व मां जसिया देवी ने भी ढांढ़स बंधाया. उपसरपंच ममता देवी ने बताया कि वह शीघ्र ही बंध्याकरण करायेगी और इन तीनों पुत्रों को बेटी की तरह ही दुलार भी करेगी. जिससे बेटा व बेटी का फर्क भी मिट जायेगा.
Posted by: Thakur Shaktilochan