Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर की घटना स्वतंत्र भारत में जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसी है, छात्रों का आरोप
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर वाराणसी में छात्रों ने मशाल जुलूस निकाला. उनका आरोप है कि लखीमपुर की घटना स्वतंत्र भारत में जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसी है.
Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर छात्रों में आक्रोश है. सोमवार को वाराणसी में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले समाजवादी छात्र सभा, NSUI एवं जॉइंट एक्शन कमेटी के छात्रों ने मशाल जुलूस निकालकर किसानों के साथ एकजुटता को प्रदर्शित किया. इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा मोनू ने अपनी गाड़ी चढ़ाकर उनकी हत्या कर दी और गोली भी चलाई.
छात्रों ने कहा कि किसान, दिल्ली के बॉर्डर पर तीन काले कृषि कानून के खिलाफ लगभग 1 वर्ष से धरना दे रहे हैं. साल भर से चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन को मोदी की भाजपा सरकार ने बदनाम व तोड़ने की भरपूर कोशिश की है.
छात्रों का आरोप है कि भारतीय इतिहास में जलियांवाला बाग जैसी घटनाएं अंग्रेजी शासन में हुआ करती थी, अब भाजपा राज में किसानों के साथ हो रही है. लखीमपुर की घटना स्वतंत्र भारत में जलियांवाला बाग हत्याकांड जैसी है.
छात्रों ने कहा कि भाजपा सरकार और इसके लोग पूरे देश में खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं. यह घटना यह साबित करती है कि मोदी सरकार और इसमें बैठे लोग किसानों को न सिर्फ गुलाम बनाना चाहते हैं, बल्कि विरोध करने पर हत्या भी कर देंगे. उन्होंने केद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के इस्तीफे की मांग की.
बता दें, लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद किसान यूनियन और सरकार के बीच सोमवार को समझौता हो गया. लखीमपुर खीरी में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45-45 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया गया. घायलों को 10-10 लाख रुपये देने और हाईकोर्ट के रिटायर जज से मामले की जांच कराने का एलान किया गया है.
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इनपुट- विपिन सिंह, वाराणसी