शनिवार रात नक्सलियों ने पीरीबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत चैरा राजपुर पंचायत के चौकड़ा गांव से डीलर भागवत प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार को अगवा कर लिया था. इस दौरान पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़ भी हुइ थी जिसमें एक हार्डकोर नक्सली मारा गया था. लेकिन नक्सली दीपक को ले जाने में कामयाब हो गये थे. करीब तीन दिनों के बाद नक्सलियों ने दीपक को रिहा किया तो उन्होंने पूरी कहानी बतायी है.
दीपक ने बताया कि वो बाथरुम के लिए रात में जब वो बाहर निकले तो कई नक्सली सामने आये. वो उनके पिता यानी डीलर को खोज रहे थे.दीपक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पापा नहीं हैं. मार्केट गये हुए हैं. जिसके बाद नक्सलियों ने दीपक को ही पकड़ लिया और रस्से से बांध दिया. कहा गया कि उसे ही साथ चलना होगा और हथियारों से लैश नक्सली दीपक को लेकर पैदल बढ़ गये.
दीपक ने बताया कि थोड़ी दूर चलने के बाद मेरे चेहरे को एक कपड़ा से ढ़क दिया गया. नक्सलियों ने मुझे दौड़ाना शुरू किया और मुझे फायरिंग की आवाज सुनाई दे रही थी. बताया कि करीब 6 से 7 घंटे तक नक्सली मुझे दौड़ाते रहे. उसके बाद किसी जगह पर पहुंचे और मेरे पैर-हाथ और कमर को रस्से से बांध दिया. दीपक ने बताया कि उसके गले पर भी एक बंधन दिया गया था और वो कुछ बोलने की कोशिश करता तो उसके साथ मार-पीट की जाती थी.
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दीपक को शनिवार रात नक्सलियों ने अगवा किया था. पुलिस लगातार छानबीन कर रही थी उस बीच मंगलवार को नक्सलियों ने उसे मुक्त कर दिया. घर लौटे दीपक ने बताया कि नक्सली कई घंटे तक उसे पैदल लेकर एक पहाड़ी क्षेत्र में छोड़ दिया गया. चेहरा ढ़का होने के कारण उसे जगह का पता नहीं चल पाया. नक्सलियों ने दीपक के चेहरे से कपड़ा हटा दिया और उसे कहा कि पीछे पलटकर देखने पर गोली मार दी जाएगी. वो सीधा आगे निकलते रहे.
मुक्त होने के बाद दीपक आगे गये तो एक गांव दिखा. रात करीब 11 बजे गांव में उसे पता चला कि वो कजरा में है. गांव वालों से पूछकर वो स्टेशन गया और वहां से अपने पिता को फोन किया. पिता स्टेशन आकर दीपक को सही सलामत घर ले गये. इस क्रम में दीपक ने बताया कि नक्सलियों ने उसका फोन उसे वापस लौटा दिया था. लेकिन फोन का सिम कार्ड उसके अंदर नहीं था. दूसरे के फोन से उसने पिता को सूचना दी थी कि वो स्टेशन पर है.
गौरतलब है कि शनिवार रात नक्सलियों ने पीरीबाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत चैरा राजपुर पंचायत के चौकड़ा गांव से डीलर भागवत प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार को अगवा कर लिया था. इस दौरान पुलिस और नक्सलियों में मुठभेड़ भी हुइ थी जिसमें एक हार्डकोर नक्सली मारा गया था. लेकिन नक्सली दीपक को ले जाने में कामयाब हो गये थे.
दीपक के अपहरण में नक्सली कमांडर अर्जुन कोड़ा एवं नारायण कोड़ा के दस्ते का हाथ होने की भी बात कही जा रही है. हालांकि इस संबंध में खुलकर कोई भी पुलिस पदाधिकारी नहीं बोल रहे हैं.
Published By: Thakur Shaktilochan