Prayagraj News: धर्मनगरी प्रयागराज में माघ मेले के तृतीय स्नान पर्व मौनी अमावस्या के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. संगम तीर्थ में स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की आस्था कोरोना महामारी पर भारी नजर आई. मौनी अमावस्या पर एक दिन पहले से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था. संगम समेत विभिन्न घाटों पर स्नान के बाद श्रद्धालु दान पुण्य करते रहे. धार्मिक शिविर और संस्थाओं के बाहर दिनभर भंडारा चलता रहा.
माघ मेले में लगे सामाजिक संस्थाओं और शिविरों में मौनी अमावस्या के बाद दिन भर भजन कीर्तन इत्यादि चलता रहा. इसके साथ ही कल्पवासी शिविरों में श्रद्धालुओं की ओर से स्नान के बाद पूजा पाठ के साथ ही दान पुण्य किया गया. वहीं मौनी अमावस्या के मौके पर जगद गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी अवमुक्तेश्वेरा नंद सरस्वती महाराज ने रामचरित मानस के श्लोक की स्तुति करते हुए कहा
माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई।।
देव दनुज किंनर नर श्रेनी। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनीं।।
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उन्होंने संगम स्नान को लेकर कहा कि तुलीदास जी ने रामचरित मानस में कितने विश्वास के साथ कहा है, आओ सब कोई, जिसमे आस्था को लेकर विश्वास होगा, वो जरूर आयेगा. हम उनका भरोसा कैसे तोड़ सकते है. ये संगम आज का नहीं है, वेदों और पुराणों में इसका वर्णन है. उन्होंने कहा आज मौनी अमावस्या पर लाखों लोगों ने स्नान किया हम भी उन्हीं का हिस्सा है. जीवन में जितनी सात्विकता लाओगे उतना लाभ होगा. तमो और रजो गुण आप को दुखी बनाते है. सतोगुण ही आप को सुखी बनाते है.
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रिपोर्ट- एस के इलाहाबादी, प्रयागराज