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lakshmi ji ki aarti: इस आरती को पढ़े बिना पूजा मानी जाती है अधूरी, यहां पढ़ें Om jai lakshmi mata

lakshmi ji ki aarti: मां लक्ष्मी का आगमन होने पर लोगों का भाग्य बदल जाता है. आज प्रथम पूज्य गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के बाद महालक्ष्मी की आरती उतारी जाती है, क्योंकि मां लक्ष्मी घर में आती हैं, तो लोगों का भाग्य बदल जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2021 10:28 AM

lakshmi ji ki aarti: मां लक्ष्मी का आगमन होने पर लोगों का भाग्य बदल जाता है. आज प्रथम पूज्य गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के बाद महालक्ष्मी की आरती उतारी जाती है, क्योंकि मां लक्ष्मी घर में आती हैं, तो लोगों का भाग्य बदल जाता है. आइए यहां से पढ़ें मां लक्ष्मी की आरती…

महालक्ष्मी व्रत की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ ॐ जय…

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय…

तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता ।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ ॐ जय…

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय…

जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता ।

सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ ॐ जय…

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता ।

खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ ॐ जय…

शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।

रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ ॐ जय…

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता ।

उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ ॐ जय…

आरती पूरी होने के बाद तुलसी में आरती जरूर दिखाना चाहिए, इसके बाद घर के लोगों को आरती लेनी चाहिए.

लक्ष्मी मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नम:।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्ह नम: महालक्ष्म्यै धरणेंद्र पद्मावती सहिते हूं श्री नम:।

ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।

ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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