Loading election data...

पश्चिम बंगाल: ललित झा ने भाई से कहा था, ‘मैं दिल्ली जा रहा हूं, दाे दिनाें में आऊंगा’

ललित के पड़ोसी भी समाचार चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हैरान हैं. उन्होंने उसे अपने तक सीमित रहनेवाला इंसान बताया, जो कोलकाता के बड़ाबाजार में लोगों के साथ कभी-कभार ही मिलता था.

By Shinki Singh | December 16, 2023 12:48 PM
an image

संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित मोहन झा (Lalit Mohan Jha) के बड़े भाई शंभू झा ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूरा परिवार अब भी सदमे में है. ललित को गुरुवार की शाम को नयी दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था. ललित एक व्यक्ति के साथ दिल्ली में कर्तव्य पथ पुलिस थाने पहुंचा, जहां उसे विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया. शंभू ने पत्रकारों से कहा, ‘हमें नहीं मालूम कि वह इन सब में कैसे शामिल हुआ. वह हमेशा झगड़ों से दूर रहता था. वह बचपन से ही शांत और चुप रहनेवाला व्यक्ति था और किसी से कम घुलता-मिलता था. हमें पता है कि वह निजी शिक्षक होने के अलावा एनजीओ से जुड़ा हुआ था और हम टेलीविजन चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर स्तब्ध हैं.’

हमने आखिरी बार उसे 10 दिसंबर को देखा था : शंभू झा

बुधवार रात से ही  शंभू झा के पास लगातार फोन आ रहे हैं और पुलिस तथा रिश्तेदार दोनों ही झा के बारे में पूछ रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने आखिरी बार उसे 10 दिसंबर को देखा था, जब हम बिहार में अपने गृहनगर रवाना हुए थे. वह सियालदह स्टेशन पर हमें छोड़ने आया था. अगले दिन उसने हमें फोन किया और कहा कि वह कुछ निजी काम से नयी दिल्ली जा रहा है. हमारी आखिरी बार उससे तभी बात हुई थी.’ ललित के पड़ोसी भी समाचार चैनलों पर उसकी तस्वीरें देखकर हैरान हैं. उन्होंने उसे अपने तक सीमित रहनेवाला इंसान बताया, जो कोलकाता के बड़ाबाजार में लोगों के साथ कभी-कभार ही मिलता था.

Also Read: WB News : और सख्त होगी विधानसभा की सुरक्षा, होंगे कई बड़े बदलाव भी : सीपी
परिवार उत्तर 24 परगना जिले के बागुईहाटी में रहने चला गया

बाद में परिवार उत्तर 24 परगना जिले के बागुईहाटी में रहने चला गया था. बड़ाबाजार इलाके के रवींद्र सरणी में चाय का ठेला लगाने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि ललित ‘शिक्षक’ था, जो दो साल पहले गायब हो गया था. ठेला वाले ने कहा, ‘उसे शिक्षक के रूप में जाना जाता था, जो स्थानीय छात्रों को पढ़ाता था. कुछ साल पहले वह इलाके में आया और अकेले रह रहा था. वह कभी-कभार ही स्थानीय लोगों से बात करता था. उस वक्त वह मेरे ठेले पर चाय पीता था. दो साल पहले वह अचानक इलाके से चला गया और फिर नहीं लौटा.’

Also Read: WB : ममता बनर्जी ने भाजपा पर किया कटाक्ष कहा, हम राजनीति पर कम विकास पर ज्यादा करते है विश्वास

Exit mobile version