लालू प्रसाद यादव को हाजीपुर कोर्ट से मिली बड़ी राहत, आचार संहिता मामले में हुए बरी
बिहार में राजद के ठिकानों पर सीबीआई की रेड के बीच राजद के लिए एक अच्छी खबर आई है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को हाजीपुर व्यवहार न्यायालय ने आदर्श आचार संहिता मामले में साक्ष्य की कमी की वजह से बरी कर दिया है.
बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले राजद नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी की जा रही है. इसी बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर सामने आ रही है. आज बुधवार को भारी सुरक्षा इंतजाम के बीच लालू यादव हाजीपुर व्यवहार न्यायालय में पेश हुए. आदर्श चुनाव आचार संहिता मामले में लालू यादव की आज कोर्ट में पेशी हुई थी. जहां उन्हें साक्ष्य की कमी की वजह से बरी कर दिया गया.
कोर्ट के बाहर राजद समर्थकों की थी भीड़
लालू प्रसाद यादव की कोर्ट में पेशी के दौरान न्यायालय के अंदर बाहर भाड़ी मात्रा में राजद कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे. इस दौरान कोर्ट परिसर में राजद समर्थकों ने जमकर लालू यादव के पक्ष में नारे लगाए. अपनी पेशी के बाद लालू यादव कोर्ट से बाहर निकले और सीधे पटना के लिए रवाना हो गए. लालू यादव को इससे पहले 18 अगस्त को कोर्ट में पेश होना था पर स्वास्थ्य कारणों से वह कोर्ट में पेश नहीं हो पाए थे.
जातीय उन्माद फैलाने का था आरोप
बता दें की 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान एक सभा में लालू प्रसाद यादव ने खुले मंच से बैकवर्ड फॉरवर्ड की लड़ाई की बात कही थी. इसी जातीय शब्द को आपत्तिजनक मानते हुए चुनाव आयोग के निर्देश पर राघोपुर के तत्कालीन सीओ निरंजन कुमार सिंह ने गंगा ब्रिज थाना में लालू यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में लालू यादव जातीय उन्माद का आरोप लगाया गया था.
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दरअसल आदर्श आचार संहिता मामले में 18 अप्रैल को पुलिस ने लालू यादव को रिमांड पर लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थिति दर्ज कराई थी. इसके बाद 23 अप्रैल को उन्हें 10 हजार के मुचकले पर जमानत दे दी गई थी. इसके बाद 27 अप्रैल को जज स्मिता राज ने लालू यादव पर आरोप गठित किया था. इस मामले में लालू यादव के वकील श्याम बाबू ने उनका बंध पत्र उसी दिन कोर्ट में जमा कर दिया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया था.