Jharkhand News (कतरास/ धनबाद) : झारखंड के धनबाद स्थित BCCL गोविंदपुर क्षेत्र के आकाशकिनारी कोलियरी के बंद आउटसोर्सिंग पेच में तेज आवाज के साथ जमीन धंस गयी. इससे वहां कोयला चोरी करने के लिए पहुंचे आधा दर्जन लोग बाल-बाल बच गये. कुछ लोग घायल भी हो गये हैं. घायलों को स्थानीय चिकित्सकों के पास इलाज कर अपने-अपने घर चले गये. घटना के बाद कोयला चोरों में हड़कंप मचा है. घटना सोमवार की सुबह बतायी जा रही है. सोशल मीडिया में अफवाह भी फैली की मलबे में एक दब गया है. मगर यह सिर्फ अफवाह रहा.
आकाशकिनारी के बंद आउटसोर्सिंग पेच में अवैध कोयला चोरी निरंतर जारी है. बिसपट्टिया, यादव टोला सहित आसपास के कई जगहों से लोग यहां जान जोखिम में डाल कर कोयले की कटाई करते हैं. फिर उसे बोरियों में भरकर बेच देते हैं. सोमवार की सुबह भी कोयले की कटाई कर रहे थे. तभी अचानक कोयलायुक्त जमीन धंस गयी. इससे कुछ लोग बाल- बाल बच गये. हालांकि, कुछ लोगों को चोट लगी. मगर स्थानीय झोला छाप के यहां इलाज कर अपने घर चले गये.
परियोजना पदाधिकारी विंध्याचल सिंह ने बताया कि मलबे में दबने की सूचना पर पहुंचे थे. मगर वहां कुछ नहीं मिला. अफवाह थी. इस पेच में कोयला चोरी के लिए लोग आते हैं. इसकी सूचना पूर्व में ही कतरास पुलिस को दे दी गयी है. बिसपट्टिया का इलाका डेंजर जोन में है. खाली करने का नोटिस कई बार दिया है. पुर्नवास के लिए जगह भी चिह्नित किया गया है.
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बताया जा रहा है कि बंद खदान में काफी संख्या में आसपास के स्थानीय लोगों द्वारा कोयला का अवैध उत्खनन किया जा रहा था. इस बीच चाल धंसने व मिट्टी का ढेर गिरने से एक व्यक्ति दब कर गंभीर रूप से जख्मी हो गया. घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गया. आनन-फानन में उनके साथियों एवं आसपास के लोगों द्वारा दबा हुआ जख्मी व्यक्ति को मलवा से बाहर निकाले, लेकिन अस्पताल ले जाने के दौरान जख्मी व्यक्ति की मौत रास्ते में ही हो गयी. घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोगों में खामोशी छायी हुई है. कोई भी कुछ बोलने से परहेज कर रहा है.
सूत्रों के अनुसार, मृतक का उम्र लगभग 45 वर्ष बताया जा रहा है. मृतक के तीन बच्चे हैं. घटना से मर्माहत परिजन की सिसकियां भी डर से नहीं ले पा रहा है. गांव वाले किसी घटना से इंकार कर रहे हैं. मामले में बरोरा थानेदार बंधन तिर्की ने कहा कि घटना की जानकारी नहीं है. इस मामले में कोई शिकायत नहीं किया है जबकि बीसीसीएल के प्रबंधकीय अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं है. पता किया जा रहा है.
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कोयला के अवैध खनन के दौरान लगातार मौत होने के बावजूद भी लोग सबक लेने को तैयार नहीं है. प्रतिदिन अपने रूटीन के अनुसार कोई जलावन के लिए तो कोई पेट पालने के लिए मौत के मुंह में जाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं. मंडल केंदुआडीह बस्ती के समीप बंद डेको आउटसोर्सिंग खदान के समीप आसपास के लोग जलावन तथा रोजगार को लेकर कोयला का अवैध खनन मे जुटे रहते हैं. हालांकि, यह जमीन स्थानीय ग्रामीण रैयतों की है. रैयतों के अनुसार, उचित मुआवजा नियोजन नहीं मिलने के कारण बीसीसीएल को अधिग्रहण करने नहीं दिया जा रहा हैं. जिससे एक ओर जहां जमीन के अभाव में परियोजना 10 सितंबर, 2020 से बंद है.
वहीं, दूसरी ओर ग्रामीण अन्यत्र नहीं जा पा रहे हैं. खेतीहर जमीन बर्बाद हो जाने से स्थानीय ग्रामीणों को मजबूरन पेट पालने के लिए मौत के मुंह में जाकर अवैध खनन करने को विवश हो रहे हैं. वहीं कोयला तस्कर भी गरीब मजदूरों को पैसे के लालच में मौत के मुंह में धकेलते है. हालांकिए बीसीसीएल प्रबंधन एवं बरोरा पुलिस इसे रोकने के लिए बीच बीच में अभियान चलाती हैं. लेकिन ये नाकाफी है. इसपर रोक लगाने के लिए बीसीसीएल प्रबंधन एवं जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ेगा.
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